'प्रेरक प्रसंग'
सबसे बड़ा धन
प्रस्तुति - 'एम. के. सरकार (संपादक), बिल्हा
'हमसफर मित्र न्यूज'
एक भिखारी भूख प्यास से त्रस्त होकर आत्महत्या की योजना बना रहा था,तभी वहां से एक नेत्रहीन महात्मा गुजरे।भिखारी ने उन्हें अपने मन की व्यथा सुनाई और कहा,'मैं अपनी गरीबी से तंग आकर आत्महत्या करना चाहता हूँ। उसकी बात सुन महात्मा हँसे और बोले,'ठीक है। आत्महत्या करो, लेकिन पहले अपनी एक आँख मुझे दे दो। मैं तुम्हें एक हजार अशर्फियाँ दूंगा।' भिखारी चौंका। उसने कहा,'आप कैसी बात करते हैं। मैं आँख कैसे दे सकता हूँ।' महात्मा बोले,'आँख न सही,एक हाथ ही दे दो,मैं तुम्हें दस हजार अशर्फियाँ दूंगा।' भिखारी असमंजस में पड़ गया। महात्मा मुस्कुराते हुए बोले,'संसार में सबसे बड़ा धन निरोगी काया है। तुम्हारे हाथ-पाँव ठीक हैं,शरीर स्वस्थ है, तुमसे बड़ा धनी और कौन हो सकता है। तुमसे गरीब तो मैं हूँ कि मेरी आँखे नहीं है। मगर मैं तो कभी आत्महत्या के बारे में नहीं सोचता। भिखारी ने उनसे क्षमा माँगी और संकल्प किया कि वह कोई काम करके जीवन यापन करेगा।
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