कविता - मजदूर - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Saturday, May 1, 2021

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🌞सुबह🙏🏼सबेरे🌞


 कविता -      "मजदूर" 

  'हमसफर मित्र न्यूज' 

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जग    में   मशहूर  हूँ,

नही   मै   मजबूर  हूँ,

मुझसे  ही तो दुनियां,

मै  ही  तो मजदूर हूँ।

⚙️⛏️

विश्व  मुझे  देख रहा,

नही  कोई  पूछ  रहा,

हूँ तुम्हारे आस-पास,

मै  नही  मगरूर  हूँ।

⛏️⚙️

नंगे   पांव   चल  रहे,

देखो  पांव  जल  रहे,

भूखें प्यासे हम लोग,

श्रमिक   मजदूर   हूँ।

⚙️⛏️

घोर  पीड़ा  मन में है,

श्रम-शक्ति  तन में है,

नही  है  लाचार  हम,

कैसे   सबसे  दूर  हूँ।


(मजदूर दिवस की

        शुभकामनाएँ)


  कुमार🙏🏼कारनिक

          "कुमार"

(छाल, रायगढ़, छग)

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