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🌞सुबह🙏🏼सबेरे🌞
कविता - "मजदूर"
'हमसफर मित्र न्यूज'
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जग में मशहूर हूँ,
नही मै मजबूर हूँ,
मुझसे ही तो दुनियां,
मै ही तो मजदूर हूँ।
⚙️⛏️
विश्व मुझे देख रहा,
नही कोई पूछ रहा,
हूँ तुम्हारे आस-पास,
मै नही मगरूर हूँ।
⛏️⚙️
नंगे पांव चल रहे,
देखो पांव जल रहे,
भूखें प्यासे हम लोग,
श्रमिक मजदूर हूँ।
⚙️⛏️
घोर पीड़ा मन में है,
श्रम-शक्ति तन में है,
नही है लाचार हम,
कैसे सबसे दूर हूँ।
(मजदूर दिवस की
शुभकामनाएँ)
कुमार🙏🏼कारनिक
"कुमार"
(छाल, रायगढ़, छग)
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