'शोध'
टमाटर के जूस से ख़त्म होगा टाइफाइड के बैक्टीरिया
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफ़र मित्र न्यूज'
हर वक्त मिलने वाले टमाटर के गुणों के बारे में हम सब अच्छी तरह से परिचित हैं। हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि टमाटर का जूस टाइफाइड में पाए जाने वाले साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के साथ-साथ कई अन्य बैक्टीरिया को भी मारने में सक्षम हैं, जो बैक्टीरिया हमारे पाचन और मूत्र मार्ग को क्षति पहुंचाते हैं। साल्मोनेला टाइफी को टाइफाइड बुखार का कारक माना जाता है। उक्त अध्ययन का निष्कर्ष अमेरिकन सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी मैग्जीन के माइक्रोबायोलॉजी स्पेक्ट्रम में प्रकाशित हुआ है।
माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एवं शोध के प्रमुख इन्वेस्टिगेटर जियोंगमिन सान्ग ने कहा कि हमारा लक्ष्य टमाटर के जूस के उन गुणों की जांच करना था कि क्या ये साल्मोनेला समेत आंत्र रोगजनक को मार सकते हैं। शोध दल ने सबसे पहले यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या टमाटर का जूस साल्मोनेला टाइफी को मारने में सक्षम है। एक बार जब यह सुनिश्चित हो गया तो वैज्ञानिकों ने इसमें रोगाणुरोधी पेप्टाइड के शामिल होने की पहचान को लेकर टमाटर के जीनोम का परीक्षण किया। रोगाणुरोधी पेप्टाइड बहुत छोटे प्रोटीन होता है, जो जीवाणु झिल्ली को क्षतिग्रस्त कर रोगाणुओं से सुरक्षा करते हैं। शोध दल ने चार संभावित रोगाणुरोधी पेप्टाइड को चुना और पाया कि इनमें से दो पेप्टाइड साल्मोनेला टाइफी के विरुद्ध असरकारक है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए कंप्यूटर परीक्षण भी किया। अंततः शोधकर्ताओं ने यह देखा की टमाटर का जूस इन रोगाणुजनकों के विरुद्ध कैसे काम करते हैं, जो लोगों के पाचन और मूत्र मार्ग को हानि पहुंचाते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि उम्मीद है कि इस जानकारी से लोगों को लाभ मिलेगा, खासकर बच्चों और किशोरों को टमाटर, सब्जियां और फल खाने को प्रेरित करेगा।
हम पहले से ही जानते हैं कि टमाटर एक खट्टे फल है और इसे सब्जियों के रूप में हम सेवन करते हैं। इसमें लाइकोपिन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाकर हमें स्वास्थ्य लाभ देते हैं। अन्य फलों की तरह टमाटर को भी जूस बनाकर पीने से शरीर में और भी ज्यादा लाभ मिल सकता है।
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