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Friday, October 18, 2024

'आज का सेहत' 

 विश्व रजोनिवृत्ति दिवस पर जानिए रजोनिवृत्ति से महिलाओं के शरीर पर क्या पड़ता है प्रभाव

लेखक - 'मनितोष सरकार' (संपादक) 

'हमसफ़र मित्र न्यूज' 




विश्व रजोनिवृत्ति दिवस हर वर्ष 18 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बारे में जागरूकता लाने के लिए इसकी शुरुआत 1984 में किया गया था ताकि हर वर्ष महिलाओं को रजोनिवृत्ति के बारे में जानकारी दी जा सके। इस वर्ष 2024 का विषय है 'हार्मोन थैरेपी'। दरअसल रजोनिवृत्ति का मुख्य वजह हार्मोन का परिवर्तन हैं। किशोरावस्था में लड़कियों को 10 से 12 वर्ष की उम्र में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन सक्रिय होता है जिससे प्रोजेस्ट्रन हार्मोन का निर्माण होता है और मासिक धर्म के रूप में योनि द्वार से रक्तस्राव होता है जो प्रजनन बनाने में मदद करते हैं। यह अवस्था 40 से 58 वर्ष उम्र तक रह सकते हैं। 40 वर्ष उम्र के बाद अक्सर महिलाओं में पाए जाने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन में परिवर्तन आने लगती है जिससे मासिक धर्म अनियमित हो जाता है, इस स्थिति को रजोनिवृत्ति अथवा मेनोपॉज के रूप में जाना जाता है।


रजोनिवृत्ति का लक्षण :


रजोनिवृत्ति आने के दौरान मासिक धर्म में खास परिवर्तन नजर आते हैं। हर महीने आने वाले मासिक धर्म अचानक देरी से आना शुरू हो जाता है। कभी-कभी देखा जा सकता हैं कि देरी से मासिक धर्म आने के वजह से अधिक रक्त आने लगती है जो 5-7 दिन बाद बंद हो जाता है फिर कई महीने तक मासिक धर्म नहीं आता है। फिर धीरे धीरे पुरी तरह बंद हो जाता है। रजोनिवृत्ति के दौरान अनियमित मासिक धर्म, बार बार मूत्रत्याग का इच्छा होना। गर्मी अधिक लगना, रात में नींद में बेचैन महसूस होना। मूड खराब होना, स्कीन और योनि में सुखापन के साथ खुजली का भी अनुभव हो सकता हैं। घबराहट, रात में पसीना आना एवं कभी गर्मी कभी ठंडी लग सकती है। रात में नींद की कमी के वजह से दिनभर उदास रहना जैसे लक्षण पैदा हो सकती है।


हो सकते हैं गंभीर परिणाम :


मेनोपॉज एक साधारण प्रक्रिया हैं जो उम्र के साथ सभी महिलाओं को होता है पर इसका गंभीर परिणाम से इंकार नहीं किया जा सकता। अस्वस्थ महिलाओं को रजोनिवृत्ति के दौरान अथवा बाद में कई गंभीर लक्षण दिखाई देता है। अक्सर रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन के अनियमितता से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। यूरिक एसिड बढ़ना और जोड़ों में मौजूद साइनोबियल फ्लूड की कमी हो जाने से कार्टिलेक्स (उपास्थी) घीस जाती हैं फलस्वरूप आस्टियोपोरोसिस हो जाता है। जिससे चलने फिरने में काफी परेशानी हो जाती है। इस दौरान हृदय में भी परिवर्तन देखा गया है। हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को सावधानी वरतना जरूरी है अन्यथा हार्ट अटैक भी आ सकता है। हार्मोन में परिवर्तन के कारण शरीर का वजन कम ज्यादा और मधुमेह जैसे रोग भी हो सकता है।


क्या करें मेनोपॉज के दौरान :


रजोनिवृत्ति के दौरान आपको सावधानी वरतना जरूरी है। घबराना नहीं चाहिए। खानपान पर ध्यान रखें तथा कसरत, सुबह का सैर आदि करते रहे। अगर कोई खराब लक्षण दिखाई दे तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार चलें।



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