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Friday, December 8, 2023

 'नॉलेज' 

क्या आप जानते हैं कि दूल्हा घोड़ी पर ही क्यों सवार होता है, घोड़े पर नहीं? जानिए खास महत्व

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार', (संपादक) 

'हमसफ़र मित्र न्यूज' 

 

 





हम सभी परंपराओं से जुड़े हुए हैं। कई बार हम बिना पूछे ही परंपराओं को निभाते रहते हैं और कई बार ये परंपराएं हमारे मन में कई सवाल पैदा कर देती हैं। जैसा कि आपने कई शादियां देखी होंगी, इन शादियों में कई ऐसी रस्में होती हैं, जिन्हें देखकर हम कई तरह के सवाल सोचने लगते हैं।


इनमें से कुछ सवाल हैं कि दूल्हा घोड़ी पर क्यों चढ़ता है? दूल्हा घोड़े पर सवार होकर क्यों नहीं आता? अगर दूल्हा घोड़ी पर चढ़ता है तो फिर सफेद घोड़ी पर क्यों चढ़ता है? क्या आपको कभी ऐसे सवालों के बारे में सोचकर चक्कर आया है? अगर आप चकित नहीं हुए थे तो अब अवश्य चकित हो जायेंगे। लेकिन चिंता मत कीजिए हम आपको इन सवालों के साथ-साथ उनके जवाब भी बताएंगे।


दूल्हा घोड़ी पर क्यों नहीं चढ़ता?


सबसे पहले बात करते हैं कि शादी के समय दूल्हा घोड़ी पर क्यों चढ़ता है, घोड़े पर क्यों नहीं चढ़ता? दरअसल, घोड़े का स्वभाव अधिक गुस्से वाला होता है। यदि इसे प्रशिक्षित न किया जाए तो यह किसी को अपनी पीठ पर हाथ भी नहीं रखने देती। ऐसे में इस पर काबू पाना बहुत मुश्किल होता है. घोड़े की आक्रामकता के कारण ही पहले के समय में इस उच्च ऊर्जा वाले जानवर को युद्ध के मैदान में लड़ने के लिए ले जाया जाता था।


इसलिये तुम्हें घोड़ी पर बैठना पड़ेगा?


दूसरी ओर, शादी के लिए बालों या ताकत की नहीं बल्कि समर्पण की जरूरत होती है। यही कारण है कि शादी के समय दूल्हा घोड़ी पर नहीं बल्कि घोड़ी पर बैठकर दुल्हन को लेने निकलता है। वहीं घोड़ी पर चढ़ने का मतलब है कि लड़का अपने जीवन में नई शुरुआत करने के लिए तैयार है। ऐसे में दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर यह साबित करना होता है कि वह अपनी शादीशुदा जिंदगी की बागडोर अच्छे से संभालने की क्षमता रखता है या नहीं।


घोड़े की तुलना में घोड़ी को संभालना आसान होता है, लेकिन वह अधिक चंचल, बुद्धिमान और फुर्तीली होती है। जब लड़का घोड़ी पर चढ़ता है तो समझ लिया जाता है कि उसने अपने बचकाने व्यवहार पर काबू पा लिया है और अब शादीशुदा जिंदगी की जिम्मेदारियां संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


अब सवाल यह है कि दूल्हा सफेद घोड़ी पर ही क्यों चढ़ता है तो इसका जवाब यह है कि सफेद घोड़ी को पवित्रता, व्यावहारिकता, प्रेम, उर्वरता, उदारता, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, जब लड़का अपने जीवन की नई पारी शुरू करने के लिए निकलता है, तो वह सफेद घोड़ी पर सवार होता है।



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