'आप' की बड़ी जीत...ये हैं पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत की 10 सबसे बड़ी वजह... - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Thursday, March 10, 2022



 'आप' की की बड़ी जीत...ये हैं पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत की 10 सबसे बड़ी वजह... 

पंजाब से मनोज ठाकुर 

'हमसफर मित्र न्यूज' 


चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भारी बहुमत की ओर है। अभी तक के आंकड़ों की मानें तो आप पार्टी पंजाब में सरकार बनाने जा रही है। रिपोर्टर मनोज ठाकुर ने बताया कि वो इस बार के विधानसभा चुनाव में पंजाब के जिस भी कोने में गए, वहां एक बात सुनने को मिलती, बदलाव चाहिए। हम अकाली दल और कांग्रेस से थक गए हैं। आम आदमी पार्टी को इस बार आजमाना है। बुराई भी क्या है? बात करने वाले खुद से ही स्पष्टीकरण देना भी शुरू कर देता है। इन्होंने निराश किया, आप भी कर देगी। क्या हो जाएगा? उसे भी बदल देंगे। एक बार मौका देना तो बनता है। आप यानी की आम आदमी पार्टी के प्रति पंजाब के आम वोटर का यह रूझान देखते ही बनता था और शायद यही वजह थी कि इस बार पंजाब के सारे समीकरणों की धज्जियां उड़ गईं। दूसरी पार्टियों के नेता एक दूसरे से लड़ते रहे। आम आदमी पार्टी मतदाता को अपने पक्ष में एकजुट करने की दिशा में जोर लगाती रही। आइए जानते हैं 'हमसफर मित्र न्यूज' से पंजाब में आप की जीत की 10 सबसे बड़ी वजह क्या रही... 

 

1 - कांग्रेस का वोट बैंक खिसक गया 

कांग्रेस का वोट बैंक खिसक कर आम आदमी पार्टी की ओर आ गया है। कहना होगा कि इस बार पंजाब का मतदाता का कांग्रेस से मन भर गया था। वह बदलाव चाह रहा था। इसलिए उन्होंने आप को वोट दिया। 


2 - बदलाव चाह रहा है पंजाब का वोटर

पंजाब के वोटर ने अकाली दल को दो बार आजमाया, इस बार कांग्रेस को वोट दिया। लेकिन दोनों ही पार्टियां मतदाता की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी। मतदाता को आप से उम्मीद है। उसने बदलाव के लिए वोट किया 


3 - एक्टर दीप सिद्धू को लेकर की अपील लेकिन

पंजाब के मतदाता ने कई मिथ तोड़े हैं। माना जा रहा था कि दीप सिद्धू की मौत का आम आदमी पार्टी को नुकसान होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दीप सिद्धू का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने बोला था गुरु साहिब ने हमें तलवार दी थी। अब हमने तय करना है तलवार को पकड़ना है या झाड़ू को। चुनाव के बीच में दीप सिद्धू की मौत हो गई। विपक्ष बोल रहा था कि इससे सिख मतदाता आप के खिलाफ जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 


4 - डेरा सच्चा‌ सौदा का जादू नहीं चला 

गुरमीत राम रहीम की पैरोल भी से भी आम आदमी पार्टी को कोई नुकसान नहीं हुआ। डेरा प्रेमियों का जादू इस बात के चुनाव में चलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। मालवा में आप हर जगह बढ़त बनाए हुए हैं। 

 

5 - माझा और दोआबा में मजबूत होकर उभरी आप 

आम आदमी पार्टी मालवा में तो खूब मजबूत थी, लेकिन माझा और दोआबा में भी जबरदस्त मजबूत होकर उभरी है। यहां आप ने दिग्गजों को पछाड़ दिया है। 


6 - कुमार विश्वास का आरोप नहीं चला 

कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह सत्ता के लिए अलगाववादी सिखों का भी समर्थन ले सकते हैं। लेकिन इन आरोपों से आप को मजबूती मिली। पंजाब का वोटर इन आरोपों से आप से पीछे नहीं हटा। वह पार्टी के साथ जोरदार तरीके से खड़ा हुआ। 


7 - सभी दलों का टारगेट आप हो गई 

अकाली दल, कांग्रेस और संयुक्त किसान मोर्चा ने आप को घेरना शुरू कर दिया। विपक्ष के जोरदार हमले का आप ने बहुत ही अच्छे तरीके से मुकाबला किया। कई मौकों पर आप ने अपनी बात अच्छे से रखी।


8 - समर्थन बदला वोट में 

जन समर्थन तो खूब मिला,यह समर्थन वोट में भी तब्दील हुआ। स्थिति यह रही कि इस बार आम आदमी पार्टी को लेकर आम वोटर ही संजीदा था। उसकी चिंता थी कि आप आनी चाहिए। समर्थक खुद को कार्यकर्ता के तौर पर दिखा रहे थे। 


9 - पंजाब से ज्यादा नेता नहीं थे 

यह आप का प्लस प्वाइंट बना। क्योंकि पंजाब के जितने भी नेता है, उनसे मतदाता नाराज है। वह पंजाब के लिए कुछ ज्यादा नहीं कर पाए। इसका इसका असर यह हुआ कि दूसरे दल तो आप पर आरोप लगाते रहे कि इनके पास पंजाब के नेता नहीं है। लेकिन आप के लिए यह मजबूती बनी। 


10 - टिकट वितरण के रोष को भुनाया 

आप पर आरोप लगे कि टिकटों में भेदभाव किया गया। इस आरोप को आप ने बहुत ही अच्छे से भुनाया। उन्होंने मतदाता को समझाया कि हमने सही उम्मीदवार को टिकट दिया।

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