नवरात्र पर्व पर विशेष कविता
तेरी महिमा माँ
'हमसफर मित्र न्यूज'
जग की पालक,तू सारे संसार को चलाती है माँ।
तू ही लक्ष्मी,तू ही गौरी,ज्ञान का पाठ पढ़ाती है माँ।
तू शक्ति, तू ही भक्ति, तू ही विद्या दिलाती है माँ।
मूढ़ों को भी आशीष देकर तू इंसान बनाती है माँ।1।
तू कर्म कराती है,सबका भाग्य भी बनाती है माँ।
जग की पालक,तू सारे संसार को चलाती है माँ।
चाँद सितारे तेरे सहारे,भाग्य सबका चमकाती माँ।
सारी दुनिया तेरी महिमा,तू ही खेल रचाती है माँ।2।
रिश्तों में प्यार हो माँ,खुशियाँ अपार हो माँ।
बड़ों में प्रेम,दुलार व बच्चों में संस्कार हो माँ।
दुखों का अंत करो खुशियों की फुहार हो माँ।
सारी प्रकृति में बहार,सुखी ये संसार हो माँ।3।
नवरात्रि में माँ दुर्गा के नवरूप की महिमा बताता हूँ।
शैलपुत्री,माँ ब्रम्हचारिणी व चंद्रघंटा के गुण गाता हूँ।
माँ कुष्मांडा,स्कंदमाता कात्यायनी की महिमा बताता हूँ।
कालरात्रि,महागौरी,सिद्धिदात्री के श्रीचरणों में माथ नवाता हूँ।4।
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