[विज्ञान समाचार]
पानी की सफाई होगी आलू के छिलके से
लेखक - मनितोष सरकार (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
जर्नल ऑफ इनवायरमेंटल मैनेजमेंट एल्सवेयर में प्रकाशित शोध ट्रिपल आईटी के एप्लाइड साइंसेज विभाग के डॉ. अमरेश कुमार सिंह के नेतृत्व में आलू के छिलके से जल को शुद्ध करने का तकनीक विकसित किया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आईटी) प्रयागराज के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आलू के छिलके से दूषित जल को साफ करने में 100 प्रतिशत कारगर है। वैज्ञानिकों ने आलू के छिलके से चुम्बकीय माइक्रोबॉट तैयार किया है। जैव अनुकूलता व अपशिष्ट प्रबंधन में कारगर सेल्फ प्रोपेलिंग मोटर बनाने के लिए शोध शुरू किया गया था जो अब पूर्ण होने को है।
डॉ. साहू ने बताया कि इस माइक्रोबॉट को तैयार करने में लगभग 2 वर्ष लग गए हैं। पिछले वर्ष 2020 के नवंबर महीने में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था। आलू के छिलके से कार्बन डॉट्स को अलग कर आयरन बेस्ड नैनोपार्टिकल मिलाकर माइक्रोबॉट तैयार हुआ है। प्रदूषित जल में इसका उपयोग करने से पूर्व इन्हें स्ट्रक्चरल इंटीग्रेशन और लोकोमेशन के अनुकूल किया गया है।
इस तकनीक से यह उम्मीद की जा सकती है कि अब फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित जल को शुद्ध करने में मदद मिलेगी साथ ही गंगा जैसे नदियों के जल को भी सफाई करने में मदद मिलेगी।
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