कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के पहले और बाद में इन बातों को रखें ध्यान
'हमसफर मित्र न्यूज'
अक्सर देखा जाए तो वैक्सीन के बारे में लोगों को जानकारी नही होने के कारण लोग दुविधा में पड़ जाता है। इसका सही जानकारी के लिए खास कोई इंतजाम नही किया गया हैं, इसलिए लोगों में एक प्रकार के भ्रम पैदा हो गया हैं।
भारत में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया के लिए दो वैक्सीन्स को मंजूरी दी गई है जिनमें से एक वैक्सीन है कोविशील्ड। यह वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई है। एक मई से टीकाकरण की प्रक्रिया पूरे देश में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए शुरू कर दी गई है और देश में अब तक लगभग 18 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। कोविशील्ड वैक्सीन आपको एक इंट्रा मस्कुलर इंजेक्शन के रूप में दी जाती है। इसे डेल्टॉयड मसल्स में लगाया जाता है। इस वैक्सीन में दो डोज होते है जो 0.5 एमएल के होते हैं। अगर रजिस्ट्रेशन के बाद आपको कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जाती है, तो आपको इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें पता होनी चाहिए।
निम्न स्थितियां हैं तो वैक्सीन लगवाने से पहले ही सूचित कर दें
अगर आपको बुखार है।
अगर आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की प्लानिंग कर रही हैं।
अगर आपका ब्लड पतला हो गया है या आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है।
अगर आपको किसी दवाई, किसी प्रकार के खाने या किसी वैक्सीन के कारण कोई एलर्जिक रिएक्शन होता है।
अगर आप कोई ऐसी दवाई ले रहे हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती हैं।
अगर आप अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराती हैं।
अगर आपको पहले से ही किसी प्रकार की कोई बीमारी है।
अगर आपने पहले किसी दूसरी वैक्सीन को लगवा लिया है।
कोविशील्ड वैक्सीन की डोज कब-कब लगाई जाएंगी।
इस दो डोज वाली वैक्सीन को भारत में पहले 45 से ऊपर उम्र वाले लोगों के लिए और अंडरलाइन हेल्थ वाले लोगों के लिए मंजूरी दी गई थी लेकिन अब 18 प्लस के लिए इस वैक्सीन को प्रयोग करने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। अगर आपको कोविशील्ड वैक्सीन का एक डोज मिल चुका है तो आपको दूसरा डोज 6 से 8 हफ्तों के बाद लेना है। विदेशों के कुछ डेटा के हिसाब से वैक्सीन का दूसरा डोज 12 हफ्ते बाद भी लिया जा सकता है। अगर आप दूसरा डोज लेना भूल जाते हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। आपका दूसरा डोज लेना आवश्यक होता है।
किन लोगों को यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए
आपको यह वैक्सीन तब नहीं लगवानी चाहिए यदि आप एल हिस्टीडाइन, एल हिस्टीडीन हाइड्रोक्लोराइड, मोनोहाइड्रेट, मैग्नीशियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट, पॉलिजॉर्बेट 80, इथेनॉल, सुक्रोज, सोडियम क्लोराइड, डिसोडियम एडिटेट डिहाइड्रेट, इंजेक्शन के लिए पानी आदि से एलर्जिक हों क्योंकि ये सभी तत्व इस वैक्सीन में भी मौजूद हैं। अगर आप लंबे समय से कोई दवा ले रहे हैं, तो इन एलर्जी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद क्या कोई दुष्प्रभाव दिख सकते हैं?
वैक्सीन से जुड़े बहुत कॉमन साइड इफेक्ट्स हैं जो 10 में से किसी एक व्यक्ति में देखने को मिल सकते हैं। जैसे- दर्द, स्किन का लाल हो जाना, खुजली होना, सूजन होना, अस्वस्थ महसूस करना, सिर दर्द होना, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द होना आदि। कुछ लक्षण बहुत ही कम लोगों में यानी 100 में से किसी एक व्यक्ति में दिखते हैं वे हैं - चक्कर आना, भूख कम लगना, पेट में दर्द होना, लिंफ नोड्स का बड़ा हो जाना, अधिक पसीने आना।
हर व्यक्ति के लिए कोरोना की वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है क्योंकि यही एक उपचार है जिससे हम कोविड के बढ़ते हुए केस को रोक सकते हैं। अगर आपको वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स दिखते हैं तो आप अपने डॉक्टर से बात करिए। एक बात और ध्यान में रखिए कि वैक्सीन आपको कोरोना वायरस नहीं देती है इसलिए इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें कि वैक्सीन लगवाने से आप संक्रमित होंगे। आप वैक्सीन लगवाने से नहीं बल्कि वैक्सीन लगवाने के समय यदि लापरवाही करते हैं तो, कोविड संक्रमित हो सकते हैं।
'साभार'
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