होली घनाक्षरी में।
'हमसफर मित्र न्यूज'।
खिल गये टेसू हुएं उपवन लाल लाल।
आया है बसंत फागुनी बहार छाई है।।
आम बौराये बाग फागुन में खेले फाग।
कोयल की कूक से गुंजत अमराई है।
महुआ गदराये वन मन में उठे तरंग।
कामदेव रति छबि अंग अंग छाई है।
पीली पीली सरसों फूले महकत खेत खार।
बसंत की उमंग की चलत पुरवाई है।
बजत नगाड़ा ढोल चहुंओर शोर शोर।
होली के दीवानों ने होलिका जलाई है।
छोड़ो तकरार अब गले मिलो सब यार।
बस यही संदेशा लेके आज होली आई है।।
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