तंत्र-मंत्र पर विश्वास रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल का आज जन्मदिन हैं, जानिए इनकी जीवनी... - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Saturday, February 27, 2021

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           'आज का जन्मदिन' 
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तंत्र-मंत्र पर विश्वास रखने वाला पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल का आज हैं जन्मदिन, जानिए उनकी जीवनी 
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प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' 

'हमसफर मित्र न्यूज'। 


  



 मध्य प्रदेश में तीन बार मुख्यमंत्री रहे पंडित श्री श्यामाचरण शुक्ल का आज 97 वां जन्मदिन हैं। इनका जन्म 27 फरवरी 1925 शुक्रवार को रायपुर छत्तीसगढ़ में हुआ था। इन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश तीन बार मुख्यमंत्री रहे पर तीनों बार कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। इनका पिता एक कुशल राजनेता था और कांग्रेस शासित मुख्यमंत्री था। आइए जानते हैं 'हमसफर मित्र न्यूज' में पं. श्यामाचरण शुक्ल की जीवनी... 

जन्मा :-

श्यामाचरण शुक्ल का जन्म आज ही के दिन 1925 में हुआ था। इनके पिता का नाम रवि शंकर शुक्ला था।

श्याम चरण शुक्ल  मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। लेकिन अपना कार्यकाल एक बार भी पूरा नहीं कर सके।

शिक्षा :-

श्याम चरण शुक्ल ने बीएचयू से बीटेक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद श्याम चरण शुक्ल ने पिता की तरह वकालत की फिर वे राजनीति मे आए ।

 करियर :- 

श्याम चरण शुक्ल  रायपुर जिला कांग्रेस के अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी तक सदा ही महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे हैं।

दैनिक महाकौशल के संपादक श्री शुक्ल ने 1962 में राज्य विधानसभा में प्रवेश किया और निरंतर निर्वाचित होते रहे।

उन्हें वर्ष 1969-72और 1975-77 तथा वर्ष 1989-90 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त किया है ।

1990 में वह राज्य विधान सभा में विपक्ष के नेता रहे और इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य की राजनीति में सक्रिय रूप से कार्य किया ।

1969 से 1990 के बीच तीन बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले श्यामाचरण शुक्ल सरल, सहज व राजनीतिक रूप से कम चालबाजी करने वाले मुख्यमंत्री रहे।

वे धैर्यवान और चीजों को गहराई से समझने वाला व्यक्तित्व रखते थे। मगर जैसा कि इंसान विपरीत परिस्थितियों में अपना धैर्य खो बैठता है, शुक्ल के साथ भी वैसा ही हुआ।

1970-71 के दौरान जब शुक्ल मुख्यमंत्री थे। उनसे पहले मुख्यमंत्री रह चुके द्वारका प्रसाद मिश्र लगातार शुक्ल के खिलाफ माहौल बनाते रहते।

चूंकि मिश्र का सीधा संपर्क दिल्ली में कांग्रेस की धुरी इंदिरा गांधी से था, इसलिए उनकी कोशिश शुक्ल को हटाने की रहती थी।

श्रीमती इंदिरा गांधी के लोग लगातार शुक्ल को अस्थिर करने की कोशिश में लगे रहते। शुक्ल की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही थी और इसका लाभ उठाकर कई तांत्रिक उनके आस-पास घूमने लगे।

वे भी तंत्र-मंत्र के चक्कर में डूबे रहते और तांत्रिकों के कहे अनुसार कुछ न कुछ करते रहते।

उन्हीं दिनों शिमला में हुए कांग्रेस के सम्मेलन में शुक्ल के खिलाफ पर्चे बांटे गए और कुछ दिन बाद उनके मंत्रिमंडल के छह सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया।

इसके बाद में शुक्ल पर दबाव बहुत बढ़ गया था।

इस बीच इंदिरा गांधी ने भी शुक्ल को हालात से अपने स्तर पर ही निपट लेने की सलाह दी। इससे शुक्ल बहुमत के बावजूद अकेले पड़ गए।

आखिरकार 27 जनवरी 1971 की सुबह-सुबह उन्होंने अपने नाई और पीए दोनों को बुलवाया।

नाई उनकी दाढ़ी बनाता रहा और वे पीए को बोलकर इस्तीफा लिखवाने लगे।

निधन :-

पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल का 14 फरवरी 2007 को 82 साल के उम्र में उनकी निधन हो गई थी।

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