वस्तु मिल सकता है पर सत्संग नहीं मिलता
'हमसफर मित्र'।
जय श्री राधे। पंडित श्री प्रदुम्न जी महराज मुढ़ीपार बिल्हा ९९२६२७३७७२।
संसार मे हर व्यक्ति को हर वस्तु भाग्य और पुरुषार्थ से नही मिल सकता है किन्तु सत्संग। ,, भाग्य और पुरुषार्थ के आधीन नही है सत्संग ऊसी व्यक्ति को मिलता है जिन पर भगवान की कृपा होती है प्रमाण। बिनु सत्संग बिवेक न होई राम कृपा बिनु शुलभ न सोई हर वस्तु मिल सकता है पर सत्संग नही मिल सकता है दुर्लभ है साहब। और आपको ये सब मिल सकता है लोक मिले पर लोक मिलै। विधी लोक. मिलै वैकुण्ठ ही जाई। साज मिलै गज बाज मिलै धन धान्य मिलै मनवांछित पाई सूंदर और मिलै सबही पर संत समागम दुर्लभ भाई। सुंदर काण्ड दोहा नंबर ४। तात स्वर्ग अपवर्ग सुख धरिअ तुला एक अंग तुलन ताहि सकल मिली जो सुख लव सत्संग।
अत्यंत जय श्री राधे राधे पंडित श्री प्रदुम्न जी महराज,,,,,,,,,,,,,,,,
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