अॉनलॉक - 1 में भी कई राज्यों में लागू हैं पाबंदियां, नही मिली पूरी छूट - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Wednesday, June 10, 2020


अॉनलॉक - 1 में भी कई राज्यों में लागू हैं पाबंदियां, नही मिली पूरी छूट 


   केंद्र सरकार की ओर से अॉनलॉक - 1 में दी गई छूट के बाद देश में अभी भी कई राज्यों में पूरी तरह से छूट नहीं दी गई है। कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए ये राज्य अभी भी पूरी तरह से अनलॉक नहीं हो पाए हैं।

   कोरोनावायरस के लॉकडाउन की बंदिशें झेल रहे देश के तमाम राज्य अब धीरे-धीरे लॉकडाउन को खोल रहे हैं मगर पूरी तरह से अभी किसी राज्य में सुविधाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। स्कूल-कॉलेज तो अभी किसी राज्य में नहीं खुले हैं, फिलहाल इनके अगले दो माह तक खुलने की उम्मीद भी नहीं दिख रही है।

   इसके अलावा कुछ राज्यों में मॉल और रेस्टोरेंट को अभी भी खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। जबकि कुछ राज्यों ने अपने यहां खुद से निर्णय लेते हुए लॉकडाउन की तारीख को बढ़ा दिया है जिससे कोरोनावायरस को फैलने से रोका जा सके। इस रिपोर्ट के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं देश में अभी भी किन-किन राज्यों में किस-किस चीज पर छूट नहीं दी गई है। दिल्ली से सटे राजस्थान ने तो बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए अपने यहां के बॉर्डर ही एक सप्ताह के लिए सील कर दिए हैं।


राजस्थान -

   राजस्थान में अचानक कोरोना संक्रमितों के बढ़ने के बाद प्रदेश सरकार ने अंतरराज्यीय सीमा पर वाहनों का आवागमन नियंत्रित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि संक्रमण को फैलने से रोकना सरकार की प्राथमिकता है। दरअसल, पिछले दो दिन में संक्रमितों एवं मौतों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी के बाद सरकार ने बुधवार सुबह अन्य राज्यों से लगती हुई राजस्थान की सीमा को सील करने के आदेश जारी किए थे।

   हालांकि करीब एक घंटे बाद ही एक संशोधित आदेश जारी किया गया, जिसमें सीमा सील करने के बजाय आवागमन को नियंत्रित करने की बात कही गई। राजस्थान में अनलॉक एक के बाद कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दूसरे राज्यों से लगती हुई सीमाएं एक बार फिर सील कर दी गई हैं। इस बारे में राजस्थान पुलिस ने आदेश जारी कर दिए हैं और सभी जिलों को यह निर्देश दिए हैं कि अंतरराज्यीय आवागमन को नियंत्रित किया जाए तथा बिना अनुमति पत्र किसी को भी राज्य की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जाए।

   दरअसल राजस्थान में एक जून को अनलॉक-1 के बाद से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े है। हर रोज औसतन दो सौ से ढ़ाई सौ केस आ रहे है। मंगलवार को यह आंकड़ा बढ़ कर 369 तक पहुंच गया जो एक दिन में अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा हैं। वहीं बुधवार को भी सुबह 10.30 बजे तक 123 मामले सामने आ चुके है। वहीं मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और अब तक 256 मौतें हो चुकी है।

बॉर्डर कर दिए सील -

   इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार सुबह आपातकालीन बैठक की और राज्य की सभी सीमाएं सील करने के आदेश दिए। राजस्थान पुलिस मुख्यालय से इस बारे में जारी आदेश में कहा गया है कि जिला कलक्टर या पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी किए गए पासधारक ही दूसरे राज्यों में जा सकेंगे और राजस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही किसी को राजस्थान में प्रवेश दिया जाएगा। हवाई अडडे, रेलवे स्टेशन आदि भी पुलिस की चैक पोस्ट रहेगी और बिना अनुमति किसी को नहीं आने दिया जाएगा।

आगामी 7 दिन तक आदेश प्रभावी -

   बुधवार को सुबह पुलिस महानिदेशक एम.एल लाठर ने संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों व परिवहन आयुक्त रवि जैन ने परिवहन अधिकारियों को सभी अंतरराज्यीय सीमाओं पर आवागमन को नियंत्रित करने के ऑर्डर जारी कर दिए। यह आदेश आगामी 7 दिन तक प्रभावी रहेगा। उसके बाद अगर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने की संख्या कम हुई तो आदेश में बदलाव किया जाएगा। लेकिन इसके विपरीत अगर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती गई तो इस आदेश को आगे बढ़ाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश -

   लॉकडाउन-5 के बाद अनलॉक-1 के दूसरे चरण में प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में प्रशासनिक अनुमति के बाद मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थल खुल चुके हैं लेकिन कानपुर में फिलहाल मंदिर बंद रहेंगे। शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए धर्म गुरुओं की सर्वसम्मति के बाद प्रशासन ने 30 जून तक धार्मिक स्थल खोलने की इजाजत नहीं दी है। यह फैसला बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों और धर्म गुरुओ के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है।

   अनलॉक-1 के बाद शासन से मंदिरों को सर्शत खोलने की अनुमति के बाद कानपुर में भी तैयारी शुरू हो गई थी। शहर के प्रमुख मंदिर परिसरों और मस्जिदों में सैनिटाइजेशन कराने के साथ कोरोना से बचाव के लिए अन्य इंतजामात होने लगे थे। प्रशासन ने धार्मिक गुरुओं को आपस में मंत्रणा करके धार्मिक स्थलों पर कोरोना से बचाव संबंधी इंतजाम करने के बाबत कहा था। इसके बाद संतों और महंतों की बैठक हुई थी। प्रशासन ने साफ कर दिया कि धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति तो देंगे लेकिन इससे पहले तैयारियों को लेकर सभी की संतुष्टि जरूरी है।

   प्रशासन का तर्क था कि कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में धार्मिक स्थल खोलना कितना तर्क संगत होगा। इसके बाद सर्वसम्मति से तय हुआ कि 30 जून तक यथास्थिति बनाए रखी जाए, जिसपर सभी धर्म गुरुओं की एक राय बन गई। बैठक में तय हुआ कि 30 जून को पुनः बैठक होगी। इसके बाद तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा।

बिहार -

   लॉकडाउन के चलते बिहार में दो महीने से बंद बसों का परिचालन शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के अनलॉक-1 के दिशा-निर्देशों के बाद क्राइसिस मैंनेजमेंट ग्रुप की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। नई व्यवस्था लागू कराने के लिए सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश दे दिया गया है। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि बसों एवं सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का परिचालन एक सीट एक व्यक्ति के सिद्धांत पर किया जा रहा है। राज्य में ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ओला एवं उबर का परिचालन कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर होना है। किराये में भी वृद्धि नहीं होगी। यात्रियों, जिला प्रशासन, वाहन मालिकों, कंडक्टरों एवं चालकों के लिए गाइडलाइन भी तय कर दी गई है।

   वाहन मालिकों को निर्देश दिया गया है कि जितनी सीटें होंगी, यात्री भी उतने ही बिठाने होंगे। एक भी ज्यादा यात्री रहने पर कार्रवाई होगी। गाड़ी को प्रतिदिन धुलवाने, साफ-सुथरा रखने एवं प्रत्येक ट्रिप के बाद सैनिटाइज कराना है। ड्राइवरों एवं कंडक्टरों को साफ कपड़े, मास्क एवं ग्लब्स पहनने होंगे। वाहनों के अंदर एवं बाहर संक्रमण से बचाव के उपायों से संबंधित पोस्टर, स्टिकर लगवाने होंगे। कोरोना सं बचाव को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए पंपलेट यात्रियों के बीच बांटने हैं। गाड़ी में चढ़ते-उतरते वक्त फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। गाड़ी में सैनिटाइजर रखना होगा।

दिल्ली -

   राजधानी दिल्ली में भी अधिकतर चीजें खोल दी गई हैं मगर स्कूल, कॉलेज, बैंक्वेट हॉल आदि चीजों को अभी इजाजत नहीं दी गई है। इसके अलावा अभी मेट्रो को भी चलाने की इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली सरकार ने सभी धार्मिक स्थानों को खोलने की इजाजत दे दी है मगर इसके लिए भी खासी एहतियात बरतनी होगी। यदि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होती है तो फिर ऐसी जगहों को खोलने या बंद करने के लिए दोबारा से विचार किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल -

   लॉकडाउन में छूट व अनलॉक- 1 के तहत सोमवार को कोलकाता सहित पूरे बंगाल में करीब ढाई महीने बाद होटल, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल एवं अन्य प्रतिष्ठान खुले। राज्य सरकार ने कई शर्तों के साथ इन्हें खोलने की अनुमति दी है। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों ने भी 70 फीसद कर्मचारियों की क्षमता के साथ काम शुरू कर दिया है। साथ ही अधिकतर निजी कार्यालय व प्रतिष्ठान भी सामान्य कामकाज की ओर लौट रहे हैं।

   राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, सोमवार से निजी कार्यालयों व संस्थानों में 100 फीसद कर्मचारियों की मौजूदगी के साथ काम की इजाजत दी गई है जिसके बाद यहां भी हल-पहल देखी गई। हालांकि इसका फैसला प्रबंधन पर छोड़ दिया गया है और राज्य सरकार ने घर से ही ज्यादा काम करने पर जोर दिया है।

   इधर, कोलकाता नगर निगम में सौ फीसद कर्मचारियों की क्षमता के साथ काम शुरू हुआ। निगम के प्रशासक व राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि चूंकि जरूरी सेवा से जुड़े कई कार्य निगम से होता है इसीलिए इसकी इजाजत दी गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने 1 जून से प्रतिबंधों में ढील दी थी और सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के साथ जूट, चाय और निर्माण क्षेत्रों मैं सौ फीसद कार्यबल के साथ काम की इजाजत दी थी।

   अनलॉक-1 के तहत ढील को और बढ़ाए जाने के बाद सोमवार को बड़ी संख्या में कोलकाता सहित अन्य शहरों में लोग सड़कों पर निकल आए और शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दिए। राज्य परिवहन की सभी बसों का परिचालन हो रहा है, लेकिन निजी बसें अब भी सड़कों पर कम ही संख्या में चल रही हैं। वहीं, लोकल ट्रेन व मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन भी बंद हैं, इसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी हो रही है।

   दूसरी तरफ लंबे समय बाद शॉपिंग मॉल, होटल व रेस्तरां खुलने के बाद यहां चहल-पहल देखी गई। कोरोना के प्रसार को रोकने एवं भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोलकाता, आसनसोल सहित कई शहरों में विभिन्न शॉपिंग मॉल प्रबंधन ने एंट्री फीस ₹100 तक लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही मॉल आदि के लिफ्ट में एक बार में 3 से ज्यादा लोगों के नहीं चढ़ने की भी बात कही गई है। दूसरी ओर, राज्यभर में ज्यादातर धार्मिक स्थल भी खुल गए हैं। हालांकि प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर, कालीघाट, बेलूर मठ व तारापीठ के दरवाजे अभी तक नहीं खुले हैं। इन मंदिरों के 15 जून से खुलने की बात कही जा रही है।

मिजोरम -

   मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में राज्य में मौजूदा स्थिति को देखते हुए 9 जून 2020 से 2 सप्ताह के लॉकडाउन को लागू करने का फैसला लिया है। मिजोरम सरकार ने कहा है कि शीघ्र ही लॉकडाउन संबंधी दिशा- निर्देशों को अधिसूचित किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में जहां कोरोना वायरस के 8 हजार से अधिक मामले हैं, वहीं मिजोरम में 34 मामले हैं।

   अभी तक उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों में कोरेाना का प्रभाव मामूली रहा था लेकिन प्रवासी मजदूरों के आने और आवागमन शुरू होने के बाद वहां भी कोरोना के मामले बढ़े हैं। पश्चिम बंगाल में भी प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरेाना के मामले तेजी से बढ़े हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया है। पूजा स्थलों (एक समय में), विवाह समारोहों (मेहमानों), और अंतिम संस्कार में अधिकतम 25 लोगों को अनुमति होगी।

कर्नाटक -

   कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि अगले दो महीने और राज्य में स्कूल नहीं खोलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में अभी स्कूलों को फिर से खोलना सही नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और सीनियर एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश कुमार को सलाह दी है कि इस संदर्भ में उन्हें किसी भी प्रकार से जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए।



   ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि हालांकि राज्य में कोरोना का संक्रमण सीमित है लेकिन बावजूद इसके राज्य में स्कूलों को दोबारा से शुरू करने का यह सही समय नहीं है। कम से कम 2 महीने तक तो स्कूल नहीं खुलने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा मंत्री जुलाई से दोबारा से स्कूल शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को इस बारे में किस भी प्रकार का फैसला लेने से पहले अभिभावकों की चिंता पर भी ध्यान देना चाहिए।

   कर्नाटक की पहला ऐसा राज्या है जहां पर कोरोना से पहली मौत हुई थी हालांकि इससे पहले केरल में संक्रमित मामले सबसे पहले सामने आए थे। फिलहाल संक्रमितों का आंकड़ा समूचे भारत में 2 लाख से ज्यादा हो गया है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 6 हजार से ज्यादा हो गया है। 



जागरण - विनय तिवारी

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