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Thursday, June 13, 2024

 'आज का सेहत' 

इन वजहों से होता है गठिया, 4 तरह का होता है गठिया, इसको जड़ से ख़त्म करने का सबसे आसान घरेलु उपाय

प्रस्तुति - एम के सरकार, (संपादक) 

'हमसफ़र मित्र न्यूज' 






मनुष्यों के शरीर के कई भाग होते हैं तथा उम्र के अनुसार गठिया रोग कई प्रकार का होता है। यहां गठिया रोग से ग्रसित मरीजों के लिए कुछ आसान सा घरेलू टिप्स बताया जा रहा है, इसे आजमाने से इस रोग से मुक्ति मिलने की संभावना है। आइए पहले जानते हैं इस बीमारी का लक्षण और कारण... 

लक्षण और कारण

गठिया के लक्षण और संकेत क्या हैं?
गठिया के सबसे आम लक्षण और संकेत निम्नलिखित हैं:


जोड़ों का दर्द ।

अकड़न या गति की कम सीमा (आप जोड़ को कितनी दूर तक हिला सकते हैं)।

सूजन (सूजन) .

त्वचा का रंग खराब होना।

जोड़ के आसपास स्पर्श करने पर कोमलता या संवेदनशीलता।

आपके जोड़ों के पास गर्मी या गरमी का अहसास होना।

आपमें लक्षण कहां अनुभव होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको गठिया किस प्रकार का है, तथा यह आपके किस जोड़ को प्रभावित करता है।

गठिया के कुछ प्रकार ऐसे होते हैं जो लहरों के रूप में लक्षण पैदा करते हैं जिन्हें फ्लेयर्स या फ्लेयर-अप्स कहा जाता है। अन्य प्रकार के गठिया आपके जोड़ों को हर समय या शारीरिक रूप से सक्रिय होने के बाद भी दर्द या अकड़न महसूस कराते हैं।


गठिया का मुख्य कारण क्या है?

गठिया के कारण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का गठिया है:


👉 उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस स्वाभाविक रूप से होता है - जीवन भर जोड़ों का उपयोग करने से अंततः उनकी उपास्थि की गद्दी कमजोर हो जाती है।

👉 यदि आपके रक्त में यूरिक एसिड बहुत अधिक है ( हाइपरयूरिसीमिया ) तो आपको गाउट हो सकता है।

👉 आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके जोड़ों को नुकसान पहुंचाकर गठिया ( रुमेटॉइड गठिया सहित) पैदा कर सकती है।

👉 कुछ वायरल संक्रमण ( COVID-19 सहित) वायरल गठिया को ट्रिगर कर सकते हैं ।

👉 कभी-कभी गठिया बिना किसी कारण या ट्रिगर के होता है। चिकित्सक इसे इडियोपैथिक गठिया कहते हैं ।


घरेलू इलाज - 

* दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर सुबह और शाम एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। एक शोध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में 30 प्रतिशत रोगी गठिया के दर्द से मुक्त हो गये। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी गठिया की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये।

* पारिजात पेड़ के पांच पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस ले और चटनी बनाइये फिर एक ग्लास पानी में इतना गरम कीजिये की पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके पीजिये तो बीस-बीस साल पुराना गठिया का दर्द ठीक हो जाता है। यह उपाय लगातार कुछ महिनो तक करने से गठिया का ख़ात्मा हो जाता है, आपको गठिया से पूरी तरह से आराम मिल सकता है।

* अगर घुटनों की चिकनाई (Smoothness) हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 10-12 पत्तों को पत्थर पे कूटकर एक गिलास पानी में उबालें-जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें- इस प्रकार 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी। अगर कुछ कमी रह जाए तो फिर एक माह का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है।

* लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकाकर उसे पीने से दर्द में शीघ्र ही लाभ होता है।

* सुबह के समय सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से भी जोड़ों के दर्द से स्थाई रूप से छुटकारा मिलता है।

* एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें। सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं।मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है। यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है।

* गठिया के रोगी 4-6 लीटर पानी पीने की आदत डालें। इससे ज्यादा पेशाब होगा और अधिक से अधिक विजातीय पदार्थ और यूरिक एसीड बाहर निकलते रहेंगे।

* एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की 3-4 कुली पीसकर डाल दें, इसे इतना गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए, फिर इसे आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इससे जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है।

* प्रतिदिन नारियल की गिरी के सेवन से भी जोड़ो को ताकत मिलती है।

* प्रात: खाली पेट एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लगातार लेने से जोड़ो के दर्द में आशातीत लाभ प्राप्त होता है।

* 250 ग्राम दूध एवं उतने ही पानी में दो लहसुन की कलियाँ, 1-1 चम्मच सोंठ और हरड़ तथा 1-1 दालचीनी और छोटी इलायची डालकर उसे अच्छी तरह से धीमी आँच में पकायें। पानी जल जाने पर उस दूध को पीयें, शीघ्र लाभ प्राप्त होगा ।

* संतरे के रस में 15 ग्राम कार्ड लिवर आईल मिलाकर सोने से पूर्व लेने से गठिया में बहुत लाभ मिलता है।

* काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।

* दो तीन दिन के अंतर से खाली पेट अरण्डी का 10 ग्राम तेल पियें। इस दौरान चाय-कॉफी कुछ भी न लें जल्दी ही फायदा होगा।

* दर्दवाले स्थान पर अरण्डी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म-गर्म बाँधे इससे भी तुरंत लाभ मिलता है।

* हर सिंगार के ताजे 4-5 पत्ती को पानी के साथ पीस ले, इसका सुबह-शाम सेवन करें , अति शीघ्र स्थाई लाभ प्राप्त होगा ।

* गठिया रोगी को अपनी क्षमतानुसार हल्का व्यायाम अवश्य ही करना चाहिए क्योंकि इनके लिये अधिक परिश्रम करना या अधिक बैठे रहना दोनों ही नुकसान दायक हैं। 

* 100 ग्राम लहसुन की कलियां लें।इसे सैंधा नमक, जीरा, हींग, पीपल, काली मिर्च व सौंठ 5-5 ग्राम के साथ पीस कर मिला लें। फिर इसे अरंड के तेल में भून कर शीशी में भर लें। इसे एक चम्मच पानी के साथ दिन में दो बार लेने से गठिया में आशातीत लाभ होता है।

* सौंठ का एक चम्मच पावडर का नित्य सेवन गठिया में बहुत लाभप्रद है।

* गठिया रोग में हरी साग सब्जी का इस्तेमाल बेहद फ़ायदेमंद रहता है। पत्तेदार सब्जियो का रस भी बहुत लाभदायक रहता है।

* गठिया रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले शरीर में जमा यूरिक एसिड को घुलाकर शरीर से बाहर निकालने वाले पदार्थ जैसे- पोटाशियम प्रधान खाद्य पदार्थ लौकी, तरबूज, ककड़ी, खीरा, पत्तागोभी, पालक, सफेद पेठा आदि के रस को प्रतिदिन पीना चाहिए और फिर उपवास रखना चाहिए।

* नींबू, अनन्नास, आंवला तथा संतरे का रस पीकर उपवास रखने से भी गठिया रोग में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को कुछ सप्ताह तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को मौसम के अनुसार फल तथा सलाद और हरी सब्जियों का रस पीना चाहिए।

* इस रोग से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन नारियल का पानी पिये तो उसे बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* अंगूर तथा शरीफा फलों को कुछ दिनों तक खाने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को कच्चे आलू का रस पिलाना अधिक लाभदायक होता है।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में 2-3 अंजीर, 10 मुनक्का तथा 1 खुबानी को भिगोने के लिए रख दें और सुबह के समय में उठकर इसे खा लें। इससे गठिया रोग में बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को अपने भोजन में दाल, दही, दूध, तली-भुनी चीजें तथा चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को पानी अधिक से अधिक मात्रा में पीना चाहिए।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में तांबे के बर्तन में पानी को रखना चाहिए। इस पानी को सुबह उठकर पीने से गठिया रोग को ठीक होने में बहुत लाभ मिलता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को लहसुन अधिक खाने चाहिए।

* सुबह के समय में अंकुरित मेथीदाना तथा शहद का सेवन करने से गठिया रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन खजूर तथा तिलों से बने लड्डुओं का सेवन करे तो उसका यह रोग कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को अदरक तथा तुलसी का रस हल्के गर्म पानी में डालकर पीना चाहिए। यह रोगी के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को सप्ताह में 1 बार उपवास अवश्य रखना चाहिए।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन सुबह के समय में लगभग 240 मिलीलीटर सूर्यतप्त द्वारा बनाया गया हरी बोतल का पानी पिये और गठिया रोग से प्रभावित भाग पर इस जल को लगाए तो उसका यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को सूर्य की रोशनी में अपने शरीर की प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट तक सिंकाई करनी चाहिए क्योंकि सूर्य की किरणों में लाल रोशनी इस रोग को बहुत जल्दी ठीक कर देती है।

* इस रोग से पीड़ित रोगी को गठिये से प्रभावित भाग पर मिट्टी की गीली पट्टी का लेप करना चाहिए।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को एनिमा क्रिया करके अपने पेट की सफाई करनी चाहिए और फिर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार कराना चाहिए।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को कटिस्नान, मेहनस्नान, धूपस्नान तथा भापस्नान करना चाहिए और इसके बाद शरीर पर सूखा घर्षण स्नान (सूखे तौलिये से शरीर को पोंछना) करना चाहिए।

* इस रोग को ठीक करने के लिए गर्म पानी से पैरों को धोना चाहिए जिसके फलस्वरूप गठिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

* गठिया रोग से प्रभावित भाग पर गर्म पट्टी करने तथा गर्म मिट्टी की पट्टी करने या गर्म-ठंडी सिंकाई करने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* प्रतिदिन योगनिद्रा करने से भी गठिया के रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को अपने जोड़ों की हल्की शुष्क मालिश करनी चाहिए तथा नींबू के रस को गठिया से प्रभावित भाग पर लगाकर मालिश करने से गठिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।

* गठिया रोग के कारण प्रभावित स्थान पर जो सूजन पड़ जाती है उस पर बर्फ की ठण्डे पानी की पट्टी करने से सूजन कम हो जाती है और रोगी को इस रोग की वजह से जो दर्द होता है वह कम हो जाता है।

* गठिया रोग से प्रभावित भाग पर नारियल या सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से जोड़ों की अकड़न कम हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है।

* गठिया रोग से पीड़ित रोगी को 1 चुटकी हल्दी खाकर ऊपर से पानी पीने से दर्द में आराम मिलता है।

* इस रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि हारसिंगार की 4-5 पत्तियों को पीसकर 1 गिलास पानी में मिलाकर सुबह तथा शाम लगातार 2-3 सप्ताह तक पिये तो उसका गठिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।

* टब के पानी में नमक डालकर 30 मिनट तक पानी में लेटे रहने से गठिया रोग से पीड़ित रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

* इस रोग को ठीक करने के लिए कई आसन हैं जिन्हें प्रतिदिन करने से गठिया रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है ये आसन इस प्रकार हैं- पद्मासन, वज्रासन, उज्जायी, सूर्यभेदी, प्राणायाम, भस्त्रिका-नाड़ीशोधन, सिद्धासन, गोमुखासन, गोरक्षासन, सिंहासन तथा भुजंगासन आदि।


सूचना : 'हमसफ़र मित्र' के ये उपाय आज़माने से पहले आप अपने डॉक्टर से इसके बारे जानकारी लेकर और भी अच्छे से समझ ले और फिर घर बैठे इलाज करे। धन्यवाद!

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