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Thursday, April 11, 2024

'आज का सेहत' 

 हर वक्त हार्ट अटैक आने का लगा रहता है डर? दिल नहीं आप हो सकते हैं इस दिमागी बीमारी का शिकार, जानें क्या होती है कार्डियोफोबिया की बीमारी

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार', संपादक 

'हमसफ़र मित्र न्यूज' 





बीते कुछ सालों से हार्ट की बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं. लोग दिल की बीमारियों को लेकर काफी जागरूक भी हो रहे हैं. छाती में दर्द या हार्ट डिजीज का कोई लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास भी जाते हैं. कुछ मामलों में तो चेस्ट में हल्का से दर्द होने पर ही व्यक्ति अस्पताल चला जाता है. ये अच्छी बात है कि लोग अपनी हेल्थ को लेकर जागरूक हैं, लेकिन अगर आप कुछ समय पहले खुद की सभी जांच करा चुके हैं और आपका हार्ट फिट है, लेकिन छाती में हुए दर्द को आप हर बार हार्ट अटैक का लक्षण मानकर घबरा जाते हैं, तो ये दिल की नहीं बल्कि एक दिमागी बीमारी है, जिसको मेडिकल की भाषा में कार्डियोफोबिया कहा जाता है.


डॉक्टरों के मुताबिक, कार्डियोफोबिया एक चिंता संबंधी विकार है जो हार्ट से संबंधित बीमारी जैसे हार्ट अटैक को लेकर व्यक्ति के अंदर मौजूद डर होता है. भले ही व्यक्ति को हार्ट की कोई बीमारी न हो. कार्डियोफोबिया के कारण दिल का दौरा पड़ने का डर बहुत खतरनाक रूप भी ले सकता है, जिससे मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है. इसकी वजह से दिमाग में एक तरह का फोबिया बन जाता है.


भले ही हार्ट की कोई बीमारी भी न हो, लेकिन छाती में दर्द, गैस बनने की समस्या या फिर बाएं हाथ में हुए दर्द को हार्ट अटैक का लक्षण मानकर व्यक्ति हर बार डॉक्टर के पास चला जाता है, लेकिन टेस्ट में कुछ भी नहीं मिलता है.


क्यों हो रहा कार्डियोफोबिया:


दिल्ली के राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग डॉ अजित जैन बताते हैं कि बीते कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस कारण लोग कार्डियोफोबिया का शिकार हो रहे हैं. जिन लोगों की पहले से ही मेंटल हेल्थ खराब है वह भी कार्डियोफोबिया का शिकार हो सकते हैं.


कुछ मामलों में किसी प्रकार की एंगजाइटी से भी ये समस्या हो सकती है. कार्डियोफोबिया की वजह से हर समय दिमाग में हार्ट अटैक आने का डर बना रहता है, जो बाद में किसी बड़ी परेशानी का कारण भी बन सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप हार्ट की बीमारी और सामान्य समस्या के लक्षणों के अंतर को जरूर पहचाने.


ऐसे पहचानें अंतर:


डॉ. जैन बताते हैं किदिल के दौरे के लक्षणों में आमतौर पर सीने में लगातार और गंभीर दर्द होता है. इसके साथ ही बेचैनी और सांस की तकलीफ होती है. कुछ लोगों को मतली और ठंडा पसीना आने जैसी समस्या भी होती है. लेकिन अगर कार्डियोफोबिया है तो इसमें तेज़ दिल की धड़कन जैसी समस्या हो जाती है.


अगर हार्ट की समस्या है तो चेस्ट में दर्द कभी भी हो सकता है, लेकिन कार्डियोफोबिया में किसी मेंटल स्ट्रेस के दौरान आपको महसूस होता है कि चेस्ट में दर्द है, लेकिन असल में ऐसा कोई पेन होता नहीं है. स्ट्रेस की वजह से लगता है कि सीने में भी दर्द है. क्योंकि बार-बार इस बारे में सोचने की वजह से लगने लगता है कि दर्द है, लेकिन ये होता नहीं है.


कैसे करें बचाव:


अगर आपने हार्ट की सभी जांच कराई हैं और दिल की कोई बीमारी नहीं है तो छाती के दर्द को हार्ट अटैक न समझें. अगर फोबिया दिमाग में बना हुआ है तो इसके लिए मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें.सीबीटी से इसका ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकता है. इसके अलावा जरूरी है कि लाइफस्टाइल को ठीक रखें.



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