स्वतंत्रता दिवस: लालकिले से प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की वो 5 बातें, जो विपक्षियों को नश्तर की तरह चुभेंगी - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Tuesday, August 15, 2023

 


स्वतंत्रता दिवस: लालकिले से प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की वो 5 बातें, जो विपक्षियों को नश्तर की तरह चुभेंगी

'हमसफर मित्र न्यूज' 

 


नई दिल्‍ली: स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम चुनाव 2024 का एजेंडा सेट कर दिया। लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने जनता से मदद भी मांगी और आशीर्वाद भी। मोदी ने कहा क‍ि अगले 5 साल 'अभूतपूर्व विकास' के हैं। उन्होंने ऐलान किया, 'अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।' मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया मगर विपक्ष पर हमले खूब किए। भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को 'तीन बुराइयों' के रूप में गिनाते हुए पीएम ने कहा ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि वे इनसे लड़ाई लड़ते रहेंगे। मोदी ने लाल किले के प्राचीर से कई बातें कहीं जो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चुभ जाएंगी। ऐसी 5 बड़ी बातें जानिए।



मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए


इशारों में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, '25 साल से देश में चर्चा चल रही थी कि नया संसद भवन बनेगा। यह मोदी है जिसने समय के पहले संसद बनाकर रख दिया।' कई विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्‍कार किया था।


मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा, ' नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत, न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है। आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है। जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं। इन दिनों मैं जो शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी मेरे नसीब में है।'


मोदी ने आगे कहा, 'मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए ​नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे ​परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।'




एक ही परिवार कैसे चला सकता है राजनीतिक दल?


पीएम मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि आज परिवारवाद और तुष्टीकरण ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है। उन्‍होंने किसी का नाम लिए बिना उन दलों पर निशाना साधा जिनका नियंत्रण एक परिवार के पास है। पीएम ने कहा, 'किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? उनके लिए उनका जीवन मंत्र है- परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए।'



अगले साल इसी लाल किले से फिर..


मैं लालकिले से आपकी मदद मांगने आया हूं, मैं आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। आजादी के अमृतकाल में 2047 में, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। 2019 में परफॉर्मेंस के आधार पर आप सबने हमें फिर से आशीर्वाद दिया।परिवर्तन का वादा मुझे ले आया और आने वाले 5 साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने के सबसे बड़े स्वर्णिम पल आने वाले 5 साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी


ये मोदी का कमिटमेंट है... लालकिले से बोले PM


लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, 'अगर सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा। पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, दूसरी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है, और तीसरी लड़ाई तुष्टिकरण के खिलाफ है। भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है... लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों...भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।'


लालकिले के मंच से PM मोदी ने क्‍या-क्‍या गिनाया


* 2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया।

* हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं। हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

* हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाये हैं।

* जन औषधि केन्द्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है। इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केन्द्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा है।

* देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है।

* देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है। गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है। आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है।

* भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता भी मिली है लेकिन हम इतने से संतोष नहीं मान सकते। मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।




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