मणिपुर में एक और गैंगरेप की घटना, 37 वर्षीय महिला हुए दंरिंदो की शिकार, बताया भयानक सच, पुलिस ने दर्ज की Zero FIR
'हमसफर मित्र न्यूज'
बीते तीन महीनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल इन दिनों राहत शिविर में रह रही एक महिला ने पुलिस में अपने साथ हुए गैंगरेप का मामला दर्ज कराया है। हिंदु्स्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक मणिपुर के चुराचांदपुर जिले की एक 37 वर्षीय विवाहित महिला ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 3 मई को जातीय दंगों के दौरान उसके घर को जला दिया गया था।
'वो अपने बेटों,भतीजी और भाभी के साथ जान बचाने के लिए भागी थी लेकिन तभी उसे पांच-छह कुकी बदमाशों ने पकड़ लिया था और उसके साथ गैंगरेप किया।' महिला ने पुलिस को बताया कि वो परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार के डर से चुप रही और इसी कारण उसने लेट शिकायत दर्ज कराई है।
'मैं उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी...'
महिला ने रोते हुए कहा कि 'मैं अपने परिवार के लोगों के साथ जान बचाने के लिए भाग रही थी कि तभी मैं नीचे गिर पड़ी, मैं उठने की कोशिश कर रही थी कि तभी कुकी बदमाशों ( 5-6)ने पकड़ लिया और मेरे साथ कुकर्म किया और मुझे वहीं छो़ड़कर चले गए।'
'मैं आत्महत्या करना चाहती थी...'
उसने कहा कि 'अपने साथ हुए इस अत्याचार की वजह से वो पूरी तरह से टूट चुकी थी और आत्महत्या करना चाहती थी लेकिन बच्चों की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाई। '
'उन दरिंदों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए...'
पीड़ित ने आगे कहा कि 'मेरी हालत काफी खराब हो गई थी, मैं सदमे में थी। मैं आयुर्विज्ञान संस्थान गई लेकिन मैं बिना डॉक्टर से मिले ही वहां से लौट आई लेकिन फिर कुछ दिनों बाद जेएनआईएमएस अस्पताल गईं और डॉक्टर को दिखाया और इसके बाद मैं जब थोड़ी ठीक हुई तो यहां शिकायत करने आई हूं। उन दरिंदों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए। मेरी जिंदगी उन लोगों ने खराब की है। '
जीरो एफआईआर दर्ज
आपको बता दें कि बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में पुलिस ने पीड़िता के बयान पर जीरो एफआईआर दर्ज की है। मालूम हो कि ZERO एफआईआर तब दर्ज की जाती है जब शिकायतकर्ता वहां शिकायत दर्ज करने में असमर्थ होता है जहां पर अपराध हुआ था। ऐसे मामलों में मामला दर्ज होने के बाद प्रभावित एरिया के संबंधित पुलिस स्टेशन में केस स्थानांतरित कर दिया जाता है।
6,500 से अधिक पुलिस में मामले दर्ज
गौरतलब है कि कुकी और मैतेई समुदायों के बीच भड़की हिंसा ने मणिपुर ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हिंसा में अब तक 152 लोगों की मौत हो चुकी और 50,000 से अधिक लोग घायल हो गए। जबकि बहुत सारे लोग बेघर हो गए हैं और पड़ोसी राज्यों में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं और 6,500 से अधिक पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं।
दो महिलाओं के साथ हुआ अभद्र बर्ताव
जुलाई महीने में मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को सड़क पर बिना कपड़े के घुमाने का एक भयानक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसकी घोर निंदा की गई थी फिलहाल वीडियो में दिख रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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