'आज की कविता'
कविता : खुशी चहुंओर
कवि - मनहरण घनाक्षरी, लोरमी /मुंगेली
'हमसफर मित्र न्यूज'
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खेले - कूदे झूमकर,
सांझ तक घूमकर,
चिंता न फिकर कोई,
हरपल भोर है।
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कोइ भेद-भाव नहीं,
देता कोई घाव नहीं,
जाति-पाती कुछ नहीं,
मन में न चोर है।
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बचपन नाच रहा,
ज्ञान पोथी बाँच रहा,
भाग्य निज गढ़ने को,
लगा रहा जोर है।
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भावना में बहना है,
निश्छल ही रहना है,
आज बाल दिवस में,
खुशी चहुँओर है।
(बाल दिवस की
💐शुभकामनाएँ)
©®
कुमार 🙏🏼कारनिक
"कुमार"
(लोरमी, मुंगेली,छग)
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