ऐ चांद तू जरा जल्दी निकल ... - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Thursday, October 13, 2022

 'आज का कविता' 

ऐ चांद तू जरा जल्दी निकल ...

'हमसफर मित्र न्यूज' 


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जबसे पहुंचा सूरज , आज अस्तांचल !

लगता है यूं ,......... ठहर गया है पल !

न सता इतना.............. मेरे चांद को ,

ऐ चांद , .........तू जरा जल्दी निकल !


करवाचौथ    पर्व  है  सुहाग  का !

प्रेम का , समर्पण का , त्याग का !

सुहागनें  रखती  हैं  निर्जला  व्रत ,

 सलामत रहे   सिंदूर ,   मांग का !

पति   की   दीर्घायु   की   खातिर ,

त्याग देती हैं पत्नियां अन्न - जल !

ऐ चांद ___________________


हाथों       में      मेंहदी      लगाकर !

माथे        में    बिंदियां     सजाकर !

कलाई में खनकाती खन खन चूड़ियां ,

और   थाल    में   दीपक   जलाकर !

लग  रही   नई - नवेली   दुल्हन - सी ,

सुंदर    काया ,   लगती   है   कंवल !

ऐ चांद ______________________


दिन  भर  घर  के  काम  में  है चूर !

कम न हुई रंगत , न कम  हुआ नूर !

क्या तारीफ़ करूं मैं अपने चांद का ,

वो  है  जां मेरी ,  वो  है  मेरा गुरूर !

बहुत शुकून देता है उसका सामिप्य ,

 मन है उनका निर्मल -कोमल -निश्छल !

ऐ चांद ...............____________


सज-संवर कर बैठीं है सजन के प्यार में !

कब   निकलेगा  चांद ,  इस  इंतजार में !

नींबू पानी , मीठे पकवान लिए मैं बैठा हूं ,

आज करवाचौथ के इस पावन त्यौहार में !

आज की रात ,........   तू आ जा जल्दी , 

चाहे   जितनी   देर ,  लगा   लेना   कल !

ऐ चांद_________________________


तू आए तो मेरी वामा ,  मेरी  आरती उतारें !

देखकर छलनी में तुझको फिर मुझे निहारे !

मैं     पिला    दूं   उसे  पानी  की  एक घूंट , 

निभा लूं मैं भी ..............अपने फ़र्ज़ सारे !

चौथ  की  रात  में  कहां  हो  गये  हो  गुम , 

तेरे दीदार को    ...........मन रहा है मचल !

ऐ चांद .......______________________


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चेतन सिंह
कसडोल छत्तीसगढ़
9202507146




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