फैटी लिवर में दही खाना चाहिए या नहीं, जानें एक्सपर्ट की राय - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Thursday, July 21, 2022

'आज का सेहत' 

 फैटी लिवर में दही खाना चाहिए या नहीं, जानें एक्सपर्ट की राय

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक) 

'हमसफर मित्र न्यूज' 





 

दही एक बेहतरीन प्रोबायोटिक है, जो पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर आपका पेट ठीक है, तो आपका संपूर्ण स्वास्थ्य ठीक रहता है। दही का सेवन करने से आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद मिलती। इससे आपका पाचन और भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। साथ ही यह आपके मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। हड्डियों को मजबूत बनाने, दिल के साथ ही त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने के लिए दही का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।


लेकिन फैटी लिवर के रोगी दही का सेवन करने से बहुत कतराते हैं, क्योंकि दही में फैट होता है और फैटी लिवर में ज्यादा फैट वाली चीजों का सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि फैटी लिवर की स्थिति में कोशिकाओं में गैर जरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थित में ज्यादा फैट वाले, जंक और प्रोसेस्ड फूड्स से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इन्हे पचा पाना मुश्किल होता है साथ ही यह लिवर में अतिरिक्त चर्बी का कारण बनते हैं। इसके कारण पेट संबंधी समस्याएं होती है, और वजन बढ़ने की समस्या भी होती है। फैटी लिवर में दही खानी चाहिए या नहीं , इसके बारे में जानने के लिए हमने क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन गरिमा गोयल से बात की। आइए जानते हैं फैटी लिवर के रोगियों के लिए दही खाना सेफ है या नहीं।


फैटी लिवर में दही खाना चाहिए या नहीं- 

डायटीशियन गरिमा के अनुसार दूध और दूध से बने उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। फैटी लिवर कोई भी डेयर प्रोडक्ट तब तक नुकसानदायक नहीं, जब तक उसमें फैट की सीमित मात्रा है। फैटी लिवर में दही खाना आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होता है। बस आपको ज्यादा फैट वाली दही का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि अगर फुल फैट वाले दूध और उससे बने उत्पादों के सेवन करते हैं, तो इससे फैटी लिवर और हाई कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को बढ़ाता है।


क्या फैटी लिवर में दही खाने से कुछ नुकसान भी होते है?

डायटीशियन गरिमा की मानें तो फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स में अनहेल्दी फैट मौजूद होता है। उदाहरण के लिए, फुल फैट मिल्क में 7.9 ग्राम फैट होता है, जिसमें से 4.6 ग्राम अनहेल्दी फैट होता है। अगर आप ज्यादा फैट वाले दूध से बनी दही का सेवन करते हैं, तो बेशक यह स्थिति को बदतर बना सकता है। फैटी लिवर में आपको हमेशा लो फैट या 0 फैट दूध से बनी दही का सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो लस्सी का सेवन भी कर सकते हैं। इसे फैटी लिवर को कम करने में मदद मिल सकती है। दही या लस्सी लिवर की क्षति को कम कर सकता है। साथ ही रक्त में फैट को कंट्रोल करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।


 एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं

डायटीशियन गरिमा के अनुसार दूध और दूध से बने उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इनमें ऐसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो दूसरे फूड्स में नहीं होते हैं। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज प्रदान करते हैं। जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसलिए आपको डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन जरूर करना चाहिए। बस आपको फैट की मात्रा का ध्यान रखना है। अगर आपको डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी है तो इनका सेवन करे से बचें।

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