[ज्ञान विज्ञान]
इंसान की हथेली और तलवे पर क्यों नहीं उगते बाल?
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
पोलर बियर या खरगोश जैसे कई जीव होते हैं जिनकी हथेली पर या पैर के निचले हिस्से पर बाल होते हैं. मगर इंसानों के साथ इसका उल्टा है. हथेली और तलवों पर बाल ना होना, उन्हें बाकी स्तनधारी जीवों से अलग बनाता है. पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इंसानों के इन दो जगहों पर बाल क्यों नहीं उगते, जबकि हथेली के ऊपरी हिस्से में खूब बाल उगते हैं, वहीं तलवों के ऊपरी हिस्से यानी पैर पर भी बाल उगते हैं.
साइंस अलर्ट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों के लिए ये काफी वक्त से एक राज बना हुआ था कि हथेली और तलवों पर बाल क्यों नहीं होते. मगर साल 2018 की एक रिसर्च ने इस सवाल का जवाब खोज लिया था कि आखिर ऐसा कैसे होता है. आज हम आपको हथेली और तलवों के बालों से जुड़े कैसे और क्यों का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं.
खास प्रोटीन बालों की ग्रोथ में करता है मदद
यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया की त्वचा विशेषज्ञ सारा मिलर ने कॉसमॉस वेबसाइट से बात करते हुए बताया था उन्होंने बालों के लेकर रिसर्च की थी. उन्होंने बताया था कि हमारे शरीर में एक खास किस्म का प्रोटीन होता है जिसे Wnt कहते हैं. ये एक मॉलिक्यूलर मैसेंजर का काम करता है जो सेल्स के बीच बालों के उगने, स्पेस, और बढ़ने की जानकारी ले जाता है. इस प्रोटीन द्वारा पहुंचाए गए सिग्नल, बालों के उगने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. वैज्ञानिक ने बताया कि शरीर के जिन हिस्सों में बाल नहीं उगते, जैसे तलवों और हथेलियों में प्राकृतिक रूप से शरीर में मौजूद अवरोधक होते हैं जो इस प्रोटीन को अपना काम करने से रोकते हैं. ये अवरोधक भी एक तरह के प्रोटीन होते हैं जिन्हें Dickkopf 2 (DKK2) कहते हैं.
इस वजह से नहीं उगते बाल
सारा ने बताया कि जब चूहों पर इस प्रोटीन को लेकर रिसर्च की गई तो उन्हें चौंकाने वाले नतीजे मिले. जब DKK2 प्रोटीन को चूहों में से हटाया गया तो उनकी हथेली पर, जहां बाल नहीं आते हैं, वहां भी बाल उगने लगे. इसके बाद जब खरगोशों पर रिसर्च की गई तो पता चला के उनके अंदर ये प्रोटीन काफी कम मात्रा है, जिससे ये अंदाजा लगाया गया कि इनकी गैरमौजूदगी की वजह से ही उनके हाथ-पैर पर ज्यादा बाल उगते हैं. अब ये तो हमने आपको बता दिया कैसे का जवाब. अब जान लेते हैं कि क्यों का जवाब. वैज्ञानिकों को अब तक ये नहीं पता चल पाया कि इन प्रोटीन्स के होने और ना होने के पीछे क्या कारण है. वैज्ञानिकों ने बताया कि जीवों के समय के साथ विकास के कारण ये प्रोटीन उनके अंदर होते हैं या नहीं होते हैं. इस तरह प्रकृति ने उन्हें उनके वातावरण में सहूलियत प्रदान की है. जैसे भालू या फिर खरोगश को बर्फ या पथरीले और दुर्गम रास्तों पर चलना पड़ सकता है. इस कारण उनके हाथों और पैरों में बाल होते हैं, मगर इंसानों के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है. अगर इंसानों के हाथों और पैर पर बाल होते तो उनके लिए जीना और भी मुश्किल हो जाता.
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