[शोध]
प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए एंजाइम का पता लगाया वैज्ञानिक
लेखक - 'मनितोष सरकार', (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
'हमसफर मित्र न्यूज' । प्रदूषण के मामले में प्लास्टिक को नंबर 1 माना जाता है। प्लास्टिक एक ऐसा चीज है जो हजारों वर्ष तक नष्ट नहीं होता है। इसे जलाने पर भी इसका अवशिष्ट जमीन पर रहकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। जिससे फसलें नुकसान होतीं हैं। जानवर प्लास्टिक कचरे को खा कर मर रहे हैं। सरकार ने प्लास्टिक पर बैन लगाने का भरपूर प्रयास किया है पर प्रयास सफल नहीं हो रहा है। अब इसका निराकरण एक ही हैं जो प्लास्टिक को पुरी तरह से नष्ट कर सकें। इसके लिए वैज्ञानिक अनुसंधान चल रहा है।
अब वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक कचरे के वैश्विक समस्या के लिए प्राकृतिक निदान की ओर अहम कदम उठाए हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक विशेष एंजाइम का पता लगाया है, जो टेरेफ्थेलेट (टीपीए) को तोड़ने में सक्षम हैं। टीपीए का इस्तेमाल पालीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (पीईटी) प्लास्टिक बनाने में किया जाता है। पीईटी प्लास्टिक से एक बार उपयोग वाले पेय पदार्थ की बोतलें, कपड़े व कालीन आदि का निर्माण किया जाता है। अध्ययन निष्कर्ष द प्रोसीडिंग्स आफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज (पीएनएएस) में प्रकाशित हुआ है।
इस शोध का नेतृत्व मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेन डुबाइस और पोटर्समाउथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जान मैकगीहन ने किया। उन्होंने वर्ष 2008 में एक अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया था। जिसने पीईटी प्लास्टिक को तोड़ने में सक्षम एक प्राकृतिक एंजाइम का निर्माण किया था।
प्रोफेसर मैकगीहन के अनुसार पिछले कुछ सालों में एंजाइम इंजीनियरिंग के माध्यम से पीईटी प्लास्टिक को बिल्डिंग ब्लाक्स के रूप में तोड़ने की दिशा में अविश्वसनीय प्रगति हुई हैं। इसके जरिए बिल्डिंग ब्लाक्स को सामान्य अणुओं में तब्दील कर दिया जाता है। इसके बाद बैक्टीरिया के माध्यम से प्लास्टिक कचरे को खाद के रूप में तब्दील कर दिया जाता है। हमने डायमंड लाइट सोर्स पर एक्सरे के इस्तेमाल से टीपीएडीओ एंजाइम का 3डी ढांचा तैयार किया है। इस प्रयोग से दुनिया में प्लास्टिक कचरे से मुक्त होने का भरपूर भरोसा किया जा सकता है।
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