तालाब का पानी सूखा तो दिखा पिता का नरकंकाल, गले में मिले लॉकेट से हुई पहचान
दिलशाद खान की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
Jahajpur: भीलवाड़ा के कोटड़ी थाना क्षेत्र के गिरडिय़ा गांव में बारेठ सागर तालाब के पेटे में शनिवार शाम मिले नरकंकाल की दूसरे दिन रविवार को पहचान कर ली गई. नरकंकाल की पहचान रीठ गांव के 60 वर्षीय नाथूलाल सुथार के रूप में कर ली गई है.
नरकंकार के गले की हड्डियों में फंसे मिले गहने के आधार पर मृतक के बेटे ने उसकी पहचान की है. इससे पहले अजमेर से डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीमें भी मौके पर पहुंची और छानबीन की. थाना प्रभारी ने बताया कि नाथूलाल 10 अगस्त को लापता हो गया था. उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. परिवार के लोगों ने बताया की वो कभी भी घर से निकल जाता था. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चलने पर 29 अक्टूबर को नाथूलाल के बेटे नंदलाल ने गुमशुदगी की रिपोर्ट भी कोटड़ी थाने में दर्ज करवाई थी.
जब तालाब का पानी सूखा तो नरकंकाल मिला. पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर नंदलाल को बुलाकर कंकाल के गले की हड्डियों में फंसे मिले भैंरूजी का नावां को दिखाया. जिसके बाद मृतक की शिनाख्त हो सकी. थाना प्रभारी का कहना है कि कंकाल का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है. साथ ही डीएनए जांच के लिए सैंपल भी लिये गये हैं. अब नाथू के परिजनों के सैंपल लेकर दोनों सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जाएगे. थाना प्रभारी का कहना है कि प्रथम दृष्टया नाथू की मौत तालाब में डूबने से होना माना जा रहा है. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
No comments:
Post a Comment