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Thursday, February 10, 2022



 मरने के बाद नहीं है कोई जीवन, न ही ज़िंदा रहती है आत्मा, वैज्ञानिक ने किया चौंकाने वाला दावा !

'हमसफर मित्र न्यूज' 


 जीवन और मृत्यु  को लेकर दुनिया में तमाम तरह की धारणाएं हैं. हर धर्म में इंसान की मृत्यु के बाद के सफर को अपनी तरह समझाया और बताया गया है. हमेशा ही विज्ञान और धर्म के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी रही है कि इंसान के शरीर में मृत्यु के बाद आखिर क्या घटता है? आत्मा या चेतना शरीर में रहते हैं या फिर वे इसे छोड़कर दूसरी यात्रा पर निकल जाते हैं? अब एक ब्रह्माण्ड वैज्ञानिक ने इसे लेकर बेहद चौंकाने वाला दावा किया है, जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.


कॉस्मोलजिस्ट डॉक्टर सीन कैरोल का दावा है कि अगर दुनिया में सब कुछ विज्ञान के नियमों के मुताबिक होता है तो भौतिकशास्त्र के मुताबिक ऐसा हो ही नहीं सकता कि मृत्यु के बाद कोई जीवन संभव हो. अपनी ज़िंदगी में ज्यादातर समय फिजिक्स पढ़ने में गुजार चुके प्रोफेसर सीन के मुताबिक इंसान की मृत्यु के बाद उसकी चेतना ब्रह्मांड में रह ही नहीं सकती.


क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

Scientific American में लिखते हुए डॉक्टर कैरोल बताते हैं – ‘ये दावा किया जाता है शरीर के मरने के बाद हमारी चेतना या आत्मा किसी न किसी रूप में मौजूद रहती है. हमारी रोज़ाना की ज़िंदगी को फिजिक्स के नियमों के आधार पर ही समझा जाता है. इन नियमों के मुताबिक कोई ऐसा रास्ता नहीं है, जो मरने के बाद हमारे मस्तिष्क में मौजूद जानकारी को बनाए रखे. ‘ वे आगे कहते हैं कि ये एटम और कुछ जानी-पहचानी वैज्ञानिक शक्तियां हैं और साफ तौर पर वहां कोई भी रास्ता नहीं है, जिससे आत्मा मौत के बाद भी सर्वाइव करे. हालांकि अभी तक सभी वैज्ञानिक सीन के इस मत को नहीं स्वीकार कर पाए हैं. उनका कहना है कि वे इसके बाद इंसान के मस्तिष्क पर और अध्ययन किया जा सकता है.


धर्मशास्त्रों से बिल्कुल उलट है राय

चूंकि धर्मशास्त्रों में आत्मा या चेतना को शरीर की तरह नश्वर नहीं माना गया है, ऐसे में डॉक्टर सीन का ये दावा विवाद खड़ा करने वाला है. आमतौर पर ये राय है कि आत्मा शरीर की मृत्यु के बाद भी रहती है. चाहे ये हिंदू धर्मशास्त्रों की बात हो या फिर ईसाई धार्मिक मान्यताएं, चेतना या आत्मा के बारे में यहां अलग राय है. डॉक्टर सीन का कहना है कि वे ईश्वर को न मानने जैसा कुछ भी नहीं कहते हैं लेकिन उनकी बातें अब तक की वैज्ञानिक मान्यताओं से भी काफी अलग है.

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