सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की 552 वी जयंती शुक्रवार को देशभर में धूमधाम से मनाई गई
बिलासपुर से 'राकेश खरे' की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिलासपुर । सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की 552 वी जयंती शुक्रवार को देशभर में धूमधाम से मनाई गई तो वही बिलासपुर में भी गुरु नानक जयंती के अवसर पर दयालबंद स्थित गुरुनानक स्कूल प्रांगण में विशेष दीवान सजाया गया जहां अमृतसर से आए हजूरी रागी जत्थे के द्वारा साध संगत को शबद कीर्तन से निहाल का किया गया वही इस मौके पर सभी को गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया।
गुरू नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सबसे पहले गुरू थे। उनकी जयंती को सिख धर्म में प्रकाश पर्व या गुरू परब के नाम से मनाया जाता है। ये सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन सुबह प्रभात फेरियां निकाली गई।और गुरू द्वारों में सबद कीर्तन का आयोजन किया गया। सिख समाज के लोगो ने अपने घरों और गुरूद्वारों को रोशनी से सजाया।गुरू नानक जयंति या गुरू परब कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मानाई जाती है।गुरू नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। उनका जीवन और शिक्षाएं न केवल धर्म विशेष के लिए बल्की पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती हैं। इसलिए ही उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ई. में हुआ था। उनका जन्म स्थान वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। जहां पर आज ननकाना साहिब नाम का गुरू द्वारा है। ननकाना साहिब गुरूद्वारे का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने करवाया था। गुरू नानक देव ने मूर्ति पूजा का विरोध करते हुए, एक निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था। उन्होंने तात्कालिक समाज की बुराईयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसी कड़ी में शुक्रवार को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर बिलासपुर में भी एक समाज के लोगों ने गुरु पर्व को धूमधाम से मनाया इस अवसर पर तीन दिवसीय आयोजन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के द्वारा किया गया था जिसमें पहले दिन नगर कीर्तन जुलूस का आयोजन हुआ तो दूसरे दिन साथ संगत को शबद कीर्तन से निहाल किया गया तो वहीं शुक्रवार को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर दयालबंद गुरुद्वारे के सामने स्थित गुरुनानक स्कूल के प्रांगण में मौजूद महाराणा रणजीत सिंह सभागार में गुरु पर्व का आयोजन किया गया यहाँ सुबह विशेष दीवान सजाया गया जहां अमृतसर से आए हजूरी रागी जत्थे से भाई गुरदेव सिंह जी भाई सरबजीत सिंह जी नूरपुरी और भाई प्रीतम सिंह जी के साथ मुख्य ग्रंथि दयालबंद गुरुद्वारा के भाई मान सिंह जी बड़ला के द्वारा समूह साध संगत को शबद कीर्तन से निहाल किया गया इस मौके पर यहां पहुंचने वाले सभी साध संगत ने गुरु का आशीर्वाद लेते हुए खुशहाली की कामना की इस मौके पर शहर विधायक शैलेश पांडे जी गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम स्थल पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेश सहित बिलासपुर की खुशहाली की कामना गुरु नानक देव जी से की
प्रकाश पर्व के संबंध में जानकारी देते हुए दयालबंद गुरुद्वारा के अध्यक्ष ने बताया कि विगत 3 दिनों से लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है तो वही गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुक्रवार सुबह से ही विशेष दीवान यहां साध संगत के लिए सजाया गया था।
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर सभी लोगो को गुरु का अटूट लंगर बरताया गया जहां सिख समाज के लोगों के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी गुरु का अटूट लंगर ग्रहण किया। सिख समाज के लिए यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मानते है लिहाजा शुक्रवार को समाज के लोगों ने इस दिन को खुशियों और उमंग के साथ मनाया।
No comments:
Post a Comment