बड़ी खबर : बिल्हा नगर पंचायत के सीएमओ के मनमानी से त्रस्त कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर को सौंपा इस्तीफा
बिल्हा से 'संजय मिश्रा' की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिल्हा, 27 सितंबर 2021 सोमवार। बिलासपुर जिले के नगर पंचायत बिल्हा में आज भूचाल मच गया है। आज यहां के कांग्रेस पार्षदों ने बिलासपुर कलेक्ट्रेट आकर अपना इस्तीफा दिया। पार्षदों का कहना यह है कि उनके क्षेत्र में नगर पंचायत बिल्हा के सीएमओ मनोज बंजारा जिनके द्वारा अपनी मनमानी करते हुए किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया जा रहा है। नगर के आमजन, सफाई, जल, बिजली आदि मूलभूत सुविधा से वंचित है। सीएमओ मनोज बंजारा नगर विकास को अनदेखा कर स्वयं के हित में पूर्णता लिप्त हैं ऐसा पार्षदों का आरोप है। पार्षदों का यह भी कहना है कि जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करते हुए मनोज बंजारा का कहना यह है कि उनके ऊपर आलाकमान का हाथ है और इतना ही नहीं सीएमओ की इस कार्यप्रणाली को देखते हुए उनके कार्यालय के अन्य कर्मचारी भी अपने मन मुताबिक कार्य करते हैं। सीएमओ का यह भी कहना है कि मंत्री श्री शिव कुमार डेहरिया एवं उनके पीएसओ राकेश पात्रा से उनके घरेलू एवं निजी संबंध है इस प्रकार का डर दिखाकर लोगों को चलता कर देते हैं। पार्षदों ने यह भी कहा कि आम जनों से हर कार्य हेतु उगाही भी करते हैं जिसमें कि इनके साथ कार्यालय की लेखापाल सृष्टि आहूजा भी लिप्त है। इस प्रकार से वो एवं उनके कार्यालय की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर आज सभी पार्षदों ने अपना इस्तीफा जिला कलेक्टर को सौंपा और यह भी कहा की सीएमओ की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर वह इतना बड़ा कदम उठा रहे हैं। जिसकी संपूर्ण जवाबदेही सीएमओ मनोज बंजारे एवं लेखापाल सृष्टि आहूजा की होंगी।
जानिए वर्तमान बिल्हा नगर का बेवस कहानी
अंधेर नगरी और चौपट राजा
छत्तीसगढ़ प्रदेश के न्यायधानी बिलासपुर क्षेत्र अंतर्गत पूर्व में एशिया का सबसे बड़ा विकासखण्ड कहलानें वाला स्थान नगर पंचायत बिल्हा इन दिनों जिम्मेदार अधिकारियों और क्षेत्र के हाई-प्रोफाइल जन प्रतिनिधियों की लापरवाही का मार झेल रहा है, जिसके कारण क्षेत्र के बेबस जनता काफी परेशान, हतोत्साहित और लाचार है,
नगर पंचायत बिल्हा के वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी दो-तीन नगर पंचायत के प्रभार पर हैं, एक व्यक्ति से एक जगह का व्यवस्था तो सम्हाला नहीं जाता लेकिन यहाँ पर पता नहीं क्यों ऐसा व्यवस्था बनाया गया है यह बात हमारे समझ से परे है, यहाँ पर कुल पंद्रह वार्ड है और सभी वार्डों में कीचड़, गंदगी, मूलभूत सुविधाओं का अभाव, बिजली की समस्या, पानी की समस्या यहाँ तक कि नगर पंचायत बिल्हा का परिसर भी इतनी दयनीय स्थिति में है, कि जितनी भी तारीफ किया जाए, कम ही होगा।
इन सब अव्यवस्थाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों और क्षेत्र के हाई-प्रोफाइल जन प्रतिनिधियों की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है, क्षेत्र के बेबस, लाचार जनता इनकी लापरवाहियों का खामियाजा भुगतनें के लिए बेवजह मजबूर हैं।
बिल्हा नगर पंचायत के एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जानें वाले रास्ते पर रेल्वे लाईन बिछी हुई है, रेल्वे लाईन को पार करनें के लिए लोगों को रेल्वे फाटक या पैदल पुल का सहारा लेना पड़ता है, जहाँ पर यदि रेल्वे फाटक का सहारा लें तो फाटक खुलनें के लिए काफी इन्तजार करना पड़ता है, और वह इन्तजार भी ऐसा इन्तजार है कि इमरजेंसी वालों की जान ही निकल जाए, दूसरी ओर पुल के रास्ते में दो से तीन फीट तक सड़ा हुआ गंदी नाली का अत्यंत बदबूदार पानी भरा रहता है, जिसके कारण लोगों को काफी असहनीय परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
नगर पंचायत बिल्हा क्षेत्र अंतर्गत आनें वाले तालाबों, सामुदायिक भवनों, मुक्तिधाम, सुलभ-सौचालय, बस स्टैंड, साप्ताहिक एवं दैनिक बाजार, स्टेडियम और खेल का मैदान, इन सभी जगहों का अंधेर नगरी और चौपट राजा जैसा हाल है…
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