महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए प्राइवेट संस्थानों में एक सप्ताह के भीतर करना होगा आंतरिक परिवाद समिति का गठन - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Tuesday, August 10, 2021

 

महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए प्राइवेट संस्थानों में एक सप्ताह के भीतर करना होगा आंतरिक परिवाद समिति का गठन

'हमसफर मित्र न्यूज' 


बिलासपुर 10 अगस्त 2021। संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बनाए गए कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ के सभी निजी संस्थानों में महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाएगा। इसके लिये एक सप्ताह का समय संस्थानों को दिया गया है।

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग एवं श्रम आयुक्त छत्तीसगढ़, द्वारा प्रत्येक प्राइवेट सेक्टर संगठन एवं संस्थान में इस अधिनियम के प्रावधानों का पालन कराने हेतु निर्देशित किया गया है। अधिनियम की धारा 4 के अनुसार ऐसे समस्त कार्यस्थल पर जहां 10 या 10 से अधिक श्रमिक नियोजित हों वहां पर नियोजक द्वारा आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाएगा। आंतरिक समिति में एक पीठासीन अधिकारी, जो कार्यस्थल पर ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी होगी। कर्मचारियों में से कम से कम 2 सदस्य महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध हों। एक सदस्य, महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) से होंगे।

अधिनियम की धारा 6 के अनुसार ऐसे संस्थानों में जहां 10 से कम कर्मचारी होने के कारण परिवाद समिति गठिन न की गई हो अथवा परिवाद नियोजक के ही विरुद्ध ही शिकायत परिवार हो, तो परिवाद जिला स्तर पर गठित स्थानीय परिवाद समिति को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। कलेक्टर के अनुमोदन से बिलासपुर जिले में जिला स्तरीय परिवाद समिति गठित की जा चुकी है, जिसकी अध्यक्ष श्रीमती नूपुर पाल और सचिव श्री सुरेश सिंह हैं।

अधिनियम की धारा 19 के अनुसार प्रत्येक नियोजक का यह कर्तव्य होगा कि वह कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराए। साथ ही वह आंतरिक समिति के गठन के आदेश और उत्पीड़न के दंड को ऐसे स्थान पर प्रदर्शित करेगा, जहां से वह सरलता से दिखाई दे। 

समिति गठित नहीं करने पर दंड

अधिनियम की धारा 26 के अनुसार कोई नियोजक यदि आंतरिक समिति का गठन करने में विफल रहता है अथवा अधिनियम के किन्हीं नियमों का उल्लंघन करता हो तो वह 50 हजार रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। 

सहायक श्रम आयुक्त बिलासपुर द्वारा जिले के सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं व्यवसायिक संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर उपरोक्त अनुसार समिति का गठन कर सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय को सूचित करें। साथ ही समिति गठन की सूचना संस्थान में सभी को सरलता से दिखलाई पड़ने वाले स्थान पर चिपकाकर उसकी फोटो बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र की श्रम निरीक्षक श्रीमती संतोषी ध्रुव मो.नं 99071-28909, विकासखण्ड बिल्हा एवं मस्तूरी के श्रम निरीक्षक श्री विशेष कुमार व्यास मो.नं. 6262699887, विकासखण्ड कोटा एवं तखतपुर के श्रम निरीक्षक श्री फणीश्वर विश्वकर्मा मो.नं. 8770119984 को प्रेषित करने कहा गया है।

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