परसराम जी।
'हमसफर मित्र न्यूज'
परसराम जी वीर प्रतापी हुए महान।
मातु रेणुका जमदग्नि के हैं संतान।
भीष्म पितामह के गुरु महान।।
सहस्त्र बाहु को मार गिराये
कामधेनु को जीत के लायै।
वीर कर्ण के गुरु महान।
इक्कीस बार छत्रिय दल मारे।
दीन दुखियों के हैं रखवारे।
गुरु कश्यप को देदी। दान।।
धनुष भंग जनकपुर आये।
राजा जनक सादर बैठाये
महेंद्र गिरी पावन स्थान।।
राजा गण देख धर्रोये।
राम लखन ने शीश झुकाये।
मन गति चलने का वरदान।।
लखन से हुआ बडा़ संवाद।
राम अवतारी है आया याद।
राम का किया बडा़ सम्मान।।
अक्षय तृतीया है पावन दिन।
मनाते इनका जन्मदिन।
द्धिज वर करते उत्सव गान।।
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