आपकी व्यक्तिगत संपत्ति है, "आपका समय -
प्रस्तुति - ज्योतिष कुमार, धरसिवा
'हमसफर मित्र न्यूज'
सबसे अधिक मूल्यवान और आपकी व्यक्तिगत संपत्ति है, "आपका समय"। किसी को भी अधिकार नहीं है, कि वह आपकी इच्छा के बिना आपका समय छीने।
बहुत से लोग व्यर्थ में दूसरों का समय नष्ट करते हैं। उनमें बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते, कि किसी का समय कितना मूल्यवान होता है! और यह समय हर व्यक्ति की अपनी व्यक्तिगत संपत्ति है। वह अपनी इच्छा के अनुसार अपना समय खर्च करने में स्वतंत्र है। क्योंकि उसे जो जीने का समय मिला है, वह उसके अपने कर्मों का फल है। और प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्मों का फल भोगने में स्वतंत्र है ही, यह न्याय है। इसीलिए "उसका समय" उसकी "व्यक्तिगत संपत्ति" है।
जैसे भोजन वस्त्र मकान सोना चांदी मोटर गाड़ी धन आदि वस्तुएं संपत्ति है। इसी प्रकार से समय भी एक बड़ी संपत्ति है। बल्कि सबसे बड़ी संपत्ति है। क्योंकि इसका मूल्य सबसे अधिक है।
जैसे बिना दूसरे व्यक्ति की स्वीकृति के, आप उसकी वस्तु = स्कूटर कार आदि का प्रयोग नहीं कर सकते। ऐसे ही किसी से पूछे बिना आप उसका समय भी नहीं ले सकते। जैसे दूसरे व्यक्ति की वस्तु = धन स्कूटर कार आदि छीन नहीं सकते, यह अपराध है। इसी प्रकार से बिना दूसरे की स्वीकृति के, किसी का समय भी नहीं छीन सकते, यह भी अपराध है।
अगर आप किसी व्यक्ति से उसका समय लेना चाहते हैं, तो पहले आपको उससे पूछना चाहिए। उस से अपॉइंटमेंट लेना चाहिए। यदि उसकी इच्छा होगी, तो वह अपना समय आपके लिए खर्च करेगा। यदि उसकी इच्छा नहीं होगी, तो नहीं। आप जबरदस्ती उसका समय नहीं ले सकते। ऐसा करना असभ्यता है। यदि कठोर शब्दों में कहें, तो "बिना दूसरे व्यक्ति की इच्छा के, जबरदस्ती उसका समय छीनना" एक प्रकार की डकैती है। जैसे बिना दूसरे व्यक्ति की इच्छा के, जबरदस्ती उसका धन लूटना डकैती है।
*अगर कोई व्यक्ति आपको अपना समय दान करता है, तो इसका अर्थ है, वह आपको अपनी सबसे बड़ी संपत्ति दान कर रहा है।धन का दान अपना मूल्य रखता है। भोजन वस्त्र मकान सोना चांदी मोटर गाड़ी आदि अन्य वस्तुओं का दान भी अपना मूल्य रखता है। परंतु समय का दान सबसे बड़ा दान है। जो आपको अपना मूल्यवान समय देता है, समझो वह आपका सबसे बड़ा श्रद्धालु हितैषी एवं आप से बहुत अधिक प्रेम करने वाला व्यक्ति है।
इसलिए भविष्य में इस बात का ध्यान रखें। जब भी आपको किसी का समय लेना हो, तो आप पहले उस से अपॉइंटमेंट लेवें। किसी संस्था में आपको जाना हो, वहां आपको कोई काम हो, तो वहां अपॉइंटमेंट लेकर के जाएं, जिससे कि संस्था वालों के अपने काम न बिगड़ें। जैसे आप किसी बड़े अधिकारी से मिलने जाते हैं, तो आप पहले उससे अपॉइंटमेंट लेते हैं, तब उससे मिल पाते हैं। ऐसा ही व्यवहार अन्य लोगों के साथ भी करना चाहिए।
इसका लाभ -- यदि आप किसी के घर, कार्यालय अथवा संस्था में जाते हैं, और अपॉइंटमेंट लेकर जाते हैं, तो वहां आपके साथ अच्छा व्यवहार होगा। आपको उचित सम्मान तथा सुविधाएं मिलेंगी। यदि बिना अपॉइंटमेंट के आप वहां जाते हैं, तो आप का उचित स्वागत भी नहीं होगा, सुविधाएं भी शायद उतनी न मिलें। और हो सकता है, वे लोग आपको असभ्य मानें तथा आपसे नाराज भी होवें। क्योंकि आप उनसे पूछे बिना, उनकी सबसे कीमती संपत्ति = "उनका समय" छीन रहे हैं।
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