प्रेरक कहानी : 'सेवक और मालकिन' - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Monday, May 10, 2021

 'प्रेरक प्रसंग' 

सेवक और मालकिने

प्रस्तुति - 'एम. के. सरकार (संपादक) 

' हमसफर मित्र न्यूज '





श्रावस्ती में विदेहिका नाम की एक धनी स्त्री रहती थी। वह अपने शांत और सौम्य व्यवहार के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध थी।वेदेहिका के घर में काली नाम का एक नौकर था। काली अपने काम और आचरण में बहुत कुशल और वफादार था। एक दिन काली ने सोचा,'सभी लोग कहते है कि मेरी मालकिन बहुत शांत स्वभाव वाली है और उसे कभी क्रोध नहीं आता,यह कैसे संभव है! शायद मैं अपने काम में इतना अच्छा हूँ इसलिए वह मुझ पर कभी क्रोधित नहीं हुई। मुझे यह पता लगाना होगा कि वह क्रोधित हो सकती है या नहीं।' अगले दिन काली काम पर कुछ देरी से आया। विदेहिका ने जब उससे विलम्ब से आने के बारे में पूछा तो वह बोला,'कोई खास बात नहीं।'विदेहिका ने कुछ कहा तो नहीं,पर उसे काली का उत्तर अच्छा नहीं लगा। दूसरे दिन काली थोड़ा और देर से आया। विदेहिका ने फिर उससे देरी से आने का कारण पूछा। काली ने फिर से जवाब दिया,'कोई खास बात नहीं।'यह सुनकर विदेहिका बहुत नाराज हो गई, लेकिन वह चुप रही। तीसरे दिन भी यही हुआ तो मारे क्रोध के विदेहिका ने काली के सिर पर डंडा दे मारा। काली के सिर से खून बहने लगा और वह घर के बाहर भागा। यह बात आग की तरह फैल गई और विदेहिका की ख्याति मिट्टी में मिल गई। कठिन परिस्थितियों में भी जो दृढ़ रहता है,वही अपनी बुराइयों पर पार पा सकता है।

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