छत्तीसगढ़ में 12 वीं की परीक्षा का ऐलान
पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'
बिलासपुर: कोरोना महामारी के बीच छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर (माशिम) ने एक जून से 12वीं कक्षा की परीक्षा का एलान कर दिया है।
बच्चे प्रश्नपत्र लेने और उत्तरपुस्तिका जमा करने स्कूल पहुंचेंगे, लेकिन पर्चा घर में हल करेंगे। संक्रमण के बीच 257 केंद्रों में 17 हजार 653 बच्चे पहुंचेंगे। इसे लेकर अभिभावक भी सहमे हुए हैं।
12वीं बोर्ड की परीक्षा भले ही परीक्षा केंद्र में हल नहीं करेंगे पर प्रश्नपत्र और उत्तर-पुस्तिकाओं को अपने घर ले जाकर पांच दिन में पेपर हल करने के बाद अपने स्कूल में जमा करना होगा। बोर्ड पहली बार ओपन बुक मोड से परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। इसे लेकर वेबसाइट पर अधिकृत आदेश भी जारी हो चुका है। बिलासपुर जिले में 257 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। उनमें 17 हजार 653 बच्चे पंजीकृत हैं। पर्चा हल करने के बाद महज पांच दिनों के भीतर इसे जमा करना अनिवार्य होगा।
अभिभावक इस बात से चिंतित हैं कि किसी भी तरह से बच्चे घर से तो बाहर निकलेंगे ही। फिलहाल संक्रमण के मामले में जिला अभी शून्य घोषित नहीं हुआ है। इस बीच अनलाक की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच बच्चों के लिए खतरा होगा। वहीं शिक्षक भी मान रहे हैं कि राज्य सरकार ने जल्दबाजी में यह निर्णय लिया। जुलाई तक परीक्षा टाल देनी चाहिए थी। संक्रमण बढ़ा तो सीधे बच्चे ही चपेट में आएंगे।
स्कूलों में कोई इंतजाम नहीं।
प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका लेने आने वाले बच्चों को भले ही मास्क पहनकर आने को कहा गया है लेकिन ग्रामीण अंचल में अधिकांश ऐसे बच्चे हैं जिनके पास मास्क तक नहीं हैं। सैनिटाइजर तो भूल ही जाएं। इसके बाद भी बोर्ड, जिला शिक्षा विभाग या स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई उपाय अब तक नहीं किए गए हैं। वितरण के दौरान दो गज की दूरी का पालन कराना भी एक बड़ी चुनौती होगी। हालांकि कई स्कूल इसके लिए रणनीति बना रहे हैं। सम-विषम (आड-इवन) फार्मूला या संकायवार अलग-अलग दिन बच्चों को बुलाने की तैयारी है।
12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देश को स्कूलों तक पहुंचा दिया गया है। वितरण के दौरान कोविड-19 नियमों का पालन अनिवार्य है। बच्चों की भीड़ ना हो इसके लिए प्राचार्य अपने स्तर पर उपाय कर रहे हैं।
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