बिना दर्द के भी हो सकता है माइग्रेन
'हमसफर मित्र'।
माइग्रेन का मतलब सीर में दर्द होना। लेकिन एक ऐसा भी माइग्रेन है जो दर्द रहित होती है। इसे डॉक्टरी भाषा में 'अॉक्युल माइग्रेन अथवा अॉप्थैलमिक माइग्रेन कहते हैं। यह एक प्रकार का साइलेंट माइग्रेन है जो दर्द रहित होती है। इस माइग्रेन का सबसे ज्यादा आंखों पर पड़ता है। यह क्रोनिक हो जाने पर अंधत्व का शिकार हो सकते हैं।
इस माइग्रेन का कारण
अॉक्युलर माइग्रेन भी साधारण माइग्रेन की तरह ही होता है। जैसे साधारण माइग्रेन में शुरूआती काल में मस्तिष्क में अनियंत्रित इलेक्ट्रिकल गतिविधियों के कारण होती है, उसी तरह इसकी भी शुरूआत ऐसे ही होती है। यह माइग्रेन अक्सर महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है। इस तरह के माइग्रेन आपकी जीवनशैली भी हो सकती हैं, जैसे 'एमएससी' अर्थात 'मोनोसोडियम ग्लूटामेट' वाले आहारों का ज्यादा सेवन, तीखी रोशनी में काम करना, तनाव के कारण और मौसम में अचानक बदलाव के कारण भी हो सकता है।
अॉक्युलर माइग्रेन का लक्षण
इस माइग्रेन में दर्द नही होने के कारण इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। इस माइग्रेन का असर सर्वाधिक आंखों पर पड़ता है। इस माइग्रेन के शुरुआती दौर में आंखों में धुंधलापन दिखना, कोई चित्र के आगे धब्बे जैसे दिखाई देना अथवा कंपकंपाना, बहुत तेज रोशनी महसूस करना, एक को दो दिखना जैसे लक्षण महसूस होते हैं। हालांकि इस माइग्रेन का लगभग आधे घंटे तक रहते हैं फिर अपने आप ठीक हो जाता है। इसे माना जाए तो यह एक खतरनाक बीमारी है अतः इसका उपचार करा लेना ज्यादा जरूरी है।
आंखों पर माइग्रेन का असर
माइग्रेन आमतौर पर मस्तिष्क के रक्तवाहिकाओं को प्रभावित करते हैं, पर अॉक्युलर माइग्रेन आंखों के रेटिना की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करते हैं। जिससे दिखने संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती है। असलियत आंखों की रेटिना के पीछे बहुत बारिक रक्त कोशिकाएँ होती हैं। इस माइग्रेन के कारण इन कोशिकाओं में ऐंठन शुरू हो जाती है या बदलाव शुरू हो जाता है, जिसके कारण दिखाई देने में परेशानी होने लगती है।
जीवनशैली भी हो सकती हैं वजह
पहले के अपेक्षा दुनिया में माइग्रेन के मरीज दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। इससे हमारे देश भी अछूता नही है। इसका सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी जीना। अब के दौर में हमारे जिंदगी तनाव से भरा हुआ है। धीरे-धीरे यही सब माइग्रेन के रूप में बदलने लगती है। सामान्य स्थिति से तनाव भरें माहौल में पहुंचने पर सिरदर्द बढ़ जाता हैं। इससे रक्तचाप भी बढ़ जाती है। लगातार ऐसे स्थिति अगर आपके सामने आते रहे, तो समझ जाइए की आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं।
अॉक्युलर माइग्रेन के खतरे
अॉक्युलर माइग्रेन के शिकार लोग अगर इसे अनदेखा करें तो इसका परिणाम भयावह हो सकते हैं। इनकी आंखों की रोशनी स्थायी रूप से चली जा सकती हैं। क्षणिक अंधता आंखों को रक्त का प्रवाह रुकने का कारण हो सकता है। इससे आंखों की रक्तवाहिनियों में रक्त का अस्थायी रूप से रुकावट आने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
परहेज जरुर करें
अगर इस प्रकार साइलेंट कीलर का जरा भी लक्षण दिखे तो सावधान हो जाए। आप तनाव से दूर रहें, काम के बीच ब्रेक ले। पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। खाने में शाकाहारी तथा सुपाच्य भोजन लें। कब्ज की शिकायत न रहे। शुरुआती दौर में इलाज कराने से आगे ऐसी समस्याओं से निजात पाया जा सकता हैं। बीच-बीच में में अपने निजी चिकित्सक से जांच कराकर उनके सलाहनुसार कार्य करें तो बेहतर होगा।
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