अज्ञान - ज्ञान - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Friday, June 26, 2020


अज्ञान - ज्ञान

'हमसफर मित्र'। 

   बहुत पुरानी बात है। एक बार एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया और बोला, महाराज, मैं तमाम के बावजूद प्रार्थना नही कर पाता। चाहे कितनी भी आंखें बंद कर लूं। लेकिन परमात्मा के दर्शन नही होते हैं। फकीर मुस्कुराया और उसे एक खिड़की के पास ले गया जिसमें साफ कांच लगा हुआ था। उस पार पेड़, पक्षी, बादल, सूर्य आदि सभी चीज़ें दिखाई दे रहे थे। फिर उस फकीर ने उस धनी व्यक्ति को दूसरी खिड़की के पास ले गया जहां कांच पर चांदी की चमकीली परत लगी हुई थी। जिससे बाहर का साफ दिखाई नही दे रहा था। उसमें बस धनी व्यक्ति का चेहरा ही दिखाई दे रहा था। फकीर ने समझाया कि जिस चमकीली परत के कारण तुम्हें सिर्फ अपनी शक्ल दिखाई दे रही हैं, वह तुम्हारे मन के चारों तरफ भी है। इसीलिए तुम ध्यान में जिधर भी देखते हो केवल खुद को ही देखते हो। जब तक तुम्हारे ऊपर अज्ञान की परत है तबतक परमात्मा और ब्रम्हा तुम्हारे लिए बेमानी हैं। फकीर ने कहा कि शीशे जैसे पारदर्शी और स्वच्छ मन से उसका ध्यान रखो ईश्वर तुम्हारे जरूर साथ रहेंगे।
अतः सफलता प्राप्त के लिए समय-समय पर आत्मावलोकन करते रहे।

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