दिल को हेल्दी रखने के लिए खानपान में करें बदलाव - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Saturday, April 25, 2020

दिल को हेल्दी रखने के लिए खानपान में करें बदलाव
 गर्मी के मौसम में खानपान में सावधानी रखना अति आवश्यक है, थोड़ा भी ऊंच-नीच भोजन से पेट में खराबी आ सकती है और दिल में इसका असर पड़ सकता है। इस समय खाने के वस्तु में तेल और मसाले पर कंट्रोल रखना सेहत के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए बाजार के खाद्य पदार्थ को बिल्कुल त्याग कर घर का खाना खाये। बाजार में मिलने वाले खाने के
वस्तुओं में पौष्टिक तेल का अभाव रहता है, इसलिए इनका उपयोग कम से कम करना चाहिए। मैदे का का उपयोग तो कदापि नहीं करना चाहिए। मैदे को गोंद जातियों पदार्थ माना जाता है जो पचने में कठिनाई आती है और अंतड़ी में चिपक सकती है जिससे पेट में गैस उत्पन्न होती हैं और दिल पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ती है। इस समय भोजन में पौष्टिक तत्व जैसे सुखे मेवे, हरी सब्जीयां आदि उपयोग किया जाना चाहिए। गर्मी के मौसम में पसीने से शरीर से पानी बाहर निकल जाता है जिससे डिहाइड्रेशन की आशंका बनती हैं। पानी की कमी के कारण किडनी की कार्य क्षमता कमजोर हो जाती है इसलिए दिन भर में 8-10 ग्लास से ज्यादा पानी पीना चाहिए।

ऐसा कोई खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें जिससे मोटापा बढ़े
   ऐसा कोई खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिससे मोटापा बढ़ने की संभावना है। मोटापे से रक्तचाप, मधुमेह और दिल की रोग उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर की जरूरत के मुताबिक भोजन करें, भोजन के वक्त टीवी, मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे भोजन करने का अनुमान नहीं लगाया जा सकेगा जिससे हम जरुरत से ज्यादा भोजन कर लेते हैं अतः मोटापा से ग्रसित होकर मधुमेह, हृदय रोग को दावत देते हैं। अधिक तले हुए खाद्य पदार्थ में तेल की मात्रा अधिक होती हैं जिससे रक्त में वसा की मात्रा बढ़ जाती है जो रक्त संचालन में बाधा डालकर दिल को अटैक कर देते हैं।

मांसाहारी से तौबा करें
   दिल के मरीजों के लिए मांसाहारी सबसे ज्यादा खतरनाक है, खास कर रेड मीट। चार पैर वाले जंतुओं के मांस में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है इसके कारण रक्त में एलडीएल और ट्रायग्लिसराईड की मात्रा बढ़ जाती है फलस्वरुप हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा मांसाहारी में नमक और मसाले की भी मात्रा ज्यादा होती है जो रक्तचाप को बढाते हैं। रेड मीट के तुलना में इस समय व्हाइट मीट का सिमीत मात्रा में कर सकते हैं। ह्वाइट मीट में से मछली को अधिक लाभकारी माना जाता है। मछली मे ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण रक्त से बैड कोलेस्ट्रॉल को हटाकर दिल को स्वस्थ रखता है। अंडे और चीकन में बैड कोलेस्ट्रॉल होने के कारण दिल के मरीजों को सेवन नहीं करना चाहिए।

फल का मात्रा ज्यादा ले
   फलों में पानी और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने के कारण शरीर में पानी की कमी नहीं होने देती है। कुछ फलों में खुन में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने का गुण होते हैं, जैसे कि संतरा, मुसंबी, अनानास आदि। इसमें विटामिन सी की मात्रा होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। केले में पोटेशियम की मात्रा अधिक होने के कारण रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं और शरीर को ठंडक भी रखते हैं तथा पेट साफ होता है अतः इस समय फलों का सेवन करना शरीर के लिए फायदेमंद रहेगा।

बेटर है शाकाहारी भोजन
   दिल को स्वस्थ रखने के लिए जितना हो सके शाकाहारी का ही सेवन करें। शाकाहारी से शरीर के सभी जरुरते पुर्ति हो जाती है। एक सर्वे के मुताबिक शाकाहारी सेवन करने वाले व्यक्तियों को हार्ट अटैक की लक्षण नहीं के बराबर देखा गया है अतः शाकाहारी सेवन करें और खुद को स्वस्थ रखे तथा दिल को भी।

नशे से दूर रहे
   अक्सर नशा करने वाले को कुछ न कुछ तकलीफ जरूर देखने को मिलता है। नशे में मौजूद हानिकारक तत्व शरीर के सारे सिस्टोमेटिक को तोड़ देता है। शराब, तंबाकू जैसे तत्व में मिलने वाली हानिकारक तत्वों से दिल, फेफड़े, लीवर पर प्रभावित कर दीर्घायु को अल्पायु में बदल देते हैं। शराब में मौजूद एल्कोहल लीवर पर असर कर पाचन क्रिया में कमजोरी लाते हैं तथा शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर कर अनेक रोगों को आमंत्रित करते हैं। तंबाकू में निकोटिन की मात्रा अधिक होने के कारण फेफड़े को कमजोर कर देती है जिससे शरीर में आक्सीजन की पुर्ति नहीं हो पाती है अतः शरीर के कोशिकाएं डैमेज हो जाता है और निकोटिन रक्त में कोलेस्ट्रोल को बढा कर खुन को गाढ़ा कर देते हैं जिससे रक्त प्रवाह में बाधा आती है और हृदय के कार्य क्षमता कमजोर हो जाता है फलस्वरुप हृदयघात से मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।


लेखक - मनितोष सरकार

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