'सेहत'
महिलाओं की सेहत से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफ़र मित्र न्यूज'
आदमी और औरतों का स़िर्फ बॉडी स्ट्रक्चर ही नहीं, बल्कि सोचने-समझने और भावनाएं व्यक्त करने का तरीक़ा भी अलग-अलग होता है. महिलाओं की शारीरिक संरचना और मानसिक पहलू से जुड़े ऐसे बहुत से तथ्य (Facts) हैं, जिनके बारें में उन्हें जानकारी नहीं होती है. आइए उन तथ्यों पर एक नज़र डालते हैं.
ब्रा की स्ट्रेप पतली होने से सिरदर्द हो सकता है
जी हां, अगर आपको सिरदर्द की शिकायत रहती है, तो दवा के साथ-साथ ब्रा स्ट्रेप की तरफ़ भी ध्यान दें. ऐसा हम नहीं, अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास के डॉक्टर कहते हैं. वहां के डॉक्टरों का कहना है कि अगर ब्रा की स्ट्रेप पतली हो तो कंधे और गले के बीच में स्थित सर्वाइकल नस पर ज़्यादा दबाव पड़ता हैं, जिसके कारण सिरदर्द, गले में दर्द और सुस्ती जैसी समस्या हो सकती है. फिर देर किस बात की, अगर आपकी ब्रा स्ट्रेप भी पतली है, तो उसे तुरंत बदल दें.
पीरियड्स के दौरान दर्द ज़्यादा होता है
यहां हम स़िर्फ पीरियड्स के दौरान होनेवाले पेट दर्द की बात नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन दिनों में चोट लगने पर सामान्य दिनों की तुलना में ज़्यादा दर्द होता है. अगर आपको विश्वास नहीं होता तो एक बार पीरियड (मासिक धर्म) के दौरान ध्यान दें. आप महसूस करेंगी कि आम दिनों की तुलना में आपको ज़्यादा तकलीफ़ होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में हुए शोध के अनुसार, शरीर में एस्ट्रोजेन अधिक हो तो हमें दर्द का एहसास कम होता है. चूंकि मासिक धर्म के दौरान एस्ट्रोजेन का स्राव कम हो जाता है, इसलिए थोड़ी-सी चोट लगने पर हमें तकलीफ़ ज़्यादा होती है. जबकि ओवुलेशन के दौरान एस्ट्रोजेन का स्राव ज़्यादा होता है. यही कारण है कि उस दौरान हमारी सहनशक्ति बढ़ जाती है.
कुछ बैक्टीरिया अच्छे होते हैं
पढ़कर हैरान होने की ज़रूरत नहीं है. महिलाओं के शरीर में कुछ ऐसे हिस्से होते हैं, जहां बैक्टीरिया का होना बहुत ज़रूरी है. जी हां, सामान्य तौर पर महिलाओं के वेजाइना (योनि) में बैक्टीरिया, फंगी और वायरस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये उस जगह को साफ़ रखते हैं. अत: सफ़ाई के चक्कर में इस स्थान पर ज़्यादा साबुन रगड़ने से पहले दो बार ज़रूर सोच लीजिएगा.
अधिकांश महिलाओं में आयरन की कमी होती है
क्लीनिकल न्यूट्रीशियन हेमा मल्होत्रा के अनुसार, 70 फ़ीसदी भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी है. ऐसे में उन्हें आयरन की गोली के साथ आयरन रिच फूड, जैसे- मीट, फ़िश, अंडा, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, चौली, काली दाल, सोयाबीन, तरबूज़ इत्यादि का सेवन करना चाहिए. ऑर्गे़ज़्म का संबंध जीन्स से अधिकतर महिलाओं को ऑर्गे़ज़्म तक पहुंचने में पुरुषों की तुलना में ज़्यादा समय लगता है. यदि आपको भी कुछ इसी तरह की समस्या होती है तो इसमें दोष आपका नहीं, बल्कि यह तो आपकी जीन्स में ही है. जी हां, यूके में हुए शोध के अनुसार, ऑर्गे़ज़्म तक पहुंचना वंशानुगत है यानी यह हमें विरासत में मिलता है.
हार्ट डिज़ीज़ के लक्षण अलग होते हैं
वैसे तो कुछ महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तरह ही होते हैं, लेकिन कुछ औरतों को हार्ट प्रॉब्लम होने पर छाती की हड्डियों में दर्द, इंडाइजेशन, थकावट और हल्की सुस्ती की शिकायत होती है. अगर आपको भी कुछ इसी तरह की समस्या है तो इसे हल्के में न लें. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह दिल की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं.
अल्कोहल ज़्यादा नुक़सानदायक
महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में कम पानी होता है. यही वजह है कि शराब पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिवर तक ज़्यादा तेज़ी से पहुंचती है. अत: महिलाओं को शराब का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. ह़फ़्ते में दो दिन से ज़्यादा ड्रिंक न लें. ड्रिंक के साथ कुछ खाती रहें.
No comments:
Post a Comment