एक बुद्धिमान हंस - HUMSAFAR MITRA NEWS

Advertisment

Advertisment
Sarkar Online Center

Breaking

Followers


Youtube

Monday, January 23, 2023

 'आज की कहानी' 

एक बुद्धिमान हंस

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक) 

'हमसफर मित्र न्यूज' 






एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत सारे हंस रहते थे। उनमें एक बहुत सयाना हंस था, बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे।


एक दिन उसने एक नन्ही-सी बेल को पेड़ के तने पर बहुत नीचे लिपटते पाया। ताऊ ने दूसरे हंसों को बुलाकर कहा, देखो, इस बेल को नष्ट कर दो। एक दिन यह बेल हम सबको मौत के मुंह में ले जाएगी।


एक युवा हंस से हंसते हुए बोला, ताऊ, यह छोटी-सी बेल हमें कैसे मौत के मुंह में ले जाएगी?


सयाने हंस ने समझाया, आज यह तुम्हें छोटी-सी लग रही है। धीरे-धीरे यह पेड़ के सारे तने को लपेटा मारकर ऊपर तक आएगी। फिर बेल का तना मोटा होने लगेगा और पेड़ से लपट जाएगा, ऐसे में पेड़ पर चढ़ने के लिए नीचे से ऊपर तक सीढ़ी बन जाएगी। कोई भी शिकारी सीढ़ी के सहारे चढ़कर हम तक पहुंच जाएगा और हम सभी मारे जाएंगे।


दूसरे हंस को यकीन न आया, एक छोटी-सी बेल कैसे सीढ़ी बनेगी?


तीसरा हंस बोला, ताऊ, तू तो एक छोटी-सी बेल को खींचकर ज्यादा ही लंबा कर रहा है।


एक हंस बड़बड़ाया और बोला- यह ताऊ अपनी अक्ल का रौब डालने के लिए अंट-शंट कहानी बना रहा है।


इस प्रकार किसी दूसरे हंस ने ताऊ की बात को गंभीरता से नहीं लिया। इतनी दूर तक देख पाने की उनमें अक्ल ही कहां थी?


समय बीतता रहा। बेल लिपटते-लिपटते ऊपर शाखाओं तक पहुंच गई। बेल का तना मोटा होना शुरू हुआ और सचमुच ही पेड़ के तने पर सीढ़ी बन गई। जिस पर आसानी से चढ़ा जा सकता था। सबको ताऊ की बात की सच्चाई सामने नजर आने लगी। पर अब कुछ नहीं किया जा सकता था क्योंकि बेल इतनी मजबूत हो गई थी कि उसे नष्ट करना हंसों के बस की बात नहीं थी।


एक दिन जब सब हंस दाना चुगने बाहर गए हुए थे तब एक बहेलिया उधर आ निकला। पेड़ पर बनी सीढ़ी को देखते ही उसने पेड़ पर चढ़कर जाल बिछाया और चला गया। अंधेरा होते ही को सारे हंस लौट आए और जब पेड़ से उतरे तो बहेलिए के जाल में बुरी तरह फंस गए।


जब वे जाल में फंस गए और फड़फड़ाने लगे, तब उन्हें ताऊ की बुद्धिमानी और दूरदर्शिता का पता लगा। सब ताऊ की बात न मानने के लिए लज्जित थे और अपने आपको कोस रहे थे। ताऊ सबसे रुष्ट था और चुप बैठा था।


एक हंस ने हिम्मत करके कहा, ताऊ, हम मूर्ख हैं, लेकिन अब हमसे मुंह मत फेरो।


दूसरा हंस बोला, इस संकट से निकालने की तरकीब तू ही हमें बता सकता हैं। आगे हम तेरी कोई बात नहीं टालेंगे। सभी हंसों ने हामी भरी तब ताऊ ने उन्हें बताया, मेरी बात ध्यान से सुनो। सुबह जब बहेलिया आएगा, तब मुर्दा होने का नाटक करना। बहेलिया तुम्हें मुर्दा समझकर जाल से निकालकर जमीन पर रखता जाएगा। वहां पर तुम सभी मरे के समान पड़े रहना| जैसे ही वह अन्तिम हंस को नीचे रखेगा, मैं सीटी बजाऊंगा। मेरी सीटी सुनते ही सब उड़ जाना।


सुबह बहेलिया आया। हंसों ने वैसा ही किया, जैसा ताऊ ने समझाया था।


सचमुच बहेलिया हंसों को मुर्दा समझकर जमीन पर पटकता गया। सीटी की आवाज के साथ ही सारे हंस उड़ गए। बहेलिया चुपचाप होकर देखता रह गया।


शिक्षा/:- बुद्धिमानों की सलाह गंभीरता से लेनी चाहिए और साथ ही अपने से सयानों की बात पर एक बार जरुर गोर करना चाहिए|



No comments:

Post a Comment