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Sunday, November 6, 2022

 


कलेक्टर को रखा अंधेरे में....संविदा पर कार्यरत सभी कर्मचारियों पर की कार्रवाई.....तानशाही रवैया से हुए नाराज....DPO की मनमानी जारी....दहशत में लोग 

'राकेश खरे', बिलासपुर 

'हमसफर मित्र न्यूज' 



बिलासपुर/ संविदा कर्मचारी महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत मिशन वात्सल्य में संविदा के पद पर जिला बाल संरक्षण इकाई, नवा बिहान, शासकीय बालक गृह, शासकीय बालिका गृह एवं सखी वन स्टाफ सेंटर में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं वर्ष 2014 से निरंतर निर्वहन कर रहे है। यह की मिडिया के माध्यम से दिनांक 27.10.2022 को इनकी संविदा सेवाएं वर्ष 2021-2022 के गोपनीय CR में उपयुक्त नहीं पाए जाने का हवाला देते हुए बिना किसी सुचना एवं सुनवाई के दिनांक 31.10.2022 से सेवा समाप्ति करने का आदेश प्रकाशन किया गया  है। सुश्री शैल ठाकुर, तत्कालीन प्रभारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर द्वारा सभी निकाले गए संविदा कर्मचारीयों को दिनांक 03.11.2022 को कारण बताओ नोटिस  जारी कर पांच दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने अन्यथा दिनांक 30.11.2022 को संविदा सेवा समाप्त मानी जाएगी का पत्र जारी किया गया है जब सुश्री शैल ठाकुर तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा मिडिया के माध्यम से दिनांक 27.10.2022 को सभी बर्खास्त संविदा कर्मचारियों का संविदा सेवा दिनांक 30.10.2022 समाप्ति का आदेश प्रसारित किया गया है, तो दिनांक पुनः दिनांक 03.11.2022 को को सभी कर्मचारियों को नोटिस किस आधार पर जारी किया गया है, जिसमे यह लेख किया गया है कि संविदा सेवा 30.11.2022 को समाप्त मानी जाएगी। सुश्री शैल ठाकुर द्वारा जारी दोनों पत्रों  मैं इतना बड़ा विरोधाभास होना यह संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है, क्योंकि कर्मचारीयों की संविदा सेवा तो दिनांक 30.10.2022 को ही समाप्त चुकी है। जैसा की सुश्री शैल ठाकुर ने स्वयं मिडिया को बताया है।इससे प्रतीत होता है कि सुश्री शैल ठाकुर द्वारा सभी  संविदा कर्मचारियों कि संविदा सेवा समाप्ति में द्वेषपूर्ण भावना से सभी कर्मचारियों के कार्यशैली का गलत एवं आमक छबि अपनी सुविधानुरूप कलेक्टर के सामने प्रस्तुत कर कलेक्टर को अंधेरे में रखते हुए संविदा पर कार्यरत सभी कर्मचारियों पर कार्यवाही की है।

सुश्री शैल ठाकुर, तत्कालीन प्रभारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर के तानाशाही कार्यशैली का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब शासन के आदेश पर जिला रायपुर में  निशा मिश्रा को नवीन जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग बनाया गया है एवं निशा मिश्रा दिनाँक 19.10.2022 से कार्यालय में पदस्थ है, उसके बाद भी अपने उच्च अधिकारी के पद नाम का दुरुपयोग करते हुए कार्यालय से जारी होने वाले समस्त पत्र में सुश्री शैल ठाकुर द्वारा हस्ताक्षर  किया जा रहे है। जो कि अत्यंत ही विचारणीय एवं गंभीर विषय है। इंद्रावती भवन में पदस्थ विभाग के ही एक उच्च अधिकारी (नाम ना बताये जाने के शर्त पर ) द्वारा बताया गया कि सुश्री शैल ठाकुर कि कार्यशैली हमेशा से संदेहास्पद रही है फिर भी उनको राजधानी रायपुर में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी बना दिया गया था, जबकि इनके जिला जांजगीर चाम्पा में कार्यकाल के दौरान लाखो रुपये गबन की शिकायत भी विभाग को प्राप्त हुई थी। जिसमे विभागीय जाँच में सुश्री शैल ठाकुर दोषी भी पायी गयी है। इस तरह के एक अष्ट महिला अधिकारी को राजधानी रायपुर में जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार सौंपा जाना अत्यंत हि अकल्पनीय है। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है, कि अपने आर्थिक स्वार्थ की पूर्ति ना होने का कारण सुश्री शैल ठाकुर द्वारा इन संविदा कर्मचारियों कि संविदा सेवा समाप्ति कि कार्यवाही कलेक्टर को अँधेरे में रख कर की गयी होगी।



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