सावन में क्यों नहीं खाया जाता मांसाहार , जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Thursday, July 14, 2022



 सावन में क्यों नहीं खाया जाता मांसाहार , जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण 

प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक) 

'हमसफर मित्र न्यूज' 






 हिन्दू धर्म में जितने भी नियम और मान्यताएं हैं सभी में वैज्ञानिक सिद्धांत छिपे हुए हैं. आज वैज्ञानिक अनुसंधान में जो बातें सामने आ रही हैं वह सदियों पहले हिन्दू मान्यताओं में साफ-साफ उल्लेख मिलता है कि हमें दैनिक जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. 


 14 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है और यह 12 अगस्त तक रहेगा. हिन्दू मतानुसार सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च माना जाता है और इस महीने में मांसाहारी से दूरी बनाकर सात्विक भोजन अर्थात शाकाहारी ही किया जाता है. घर के बड़े-बुजूर्ग बिना किसी तर्क दिए धर्म के आधार पर सावन में मांसाहार नहीं खाने की सलाह देते हैं और हम बिना शर्त आंख बंद करके इसका पालन भी करते आ रहे हैं. लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सावन में मांसाहार न खाने के पीछे धार्मिक के साथ-साथ ही वैज्ञानिक कारण भी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि सावन में मांसाहार भोजन क्यों नहीं खाना चाहिए और इसे खाने से आपके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है :


कमजोर रहते हैं पाचन शक्ति


सावन के इस महीने में बारिश की वजह से मौसम में आर्द्रता और नमी रहती है, जिसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है और यह पाचनक्रिया कमजोर हो जाता है. शाकाहार की तुलना में मांसाहार भोजन को पचने में ज्यादा समय लगता है और कमजोर पाचन शक्ति की वजह से मांसाहारी भोजन आंतों में सड़ने लगता है और स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके वजह से गैस, कब्ज, बदहजमी आदि की समस्याएं आती है. कभी-कभी पेट में दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत भी हो सकती है. 


खाने की चीज़ों का जल्दी खराब होना 


सावन के महीने में देशभर में जोरदार बारिश होती है और इसी वजह से वातावरण में फंगस, फफूंदी और फंगल इंफेक्शन बढ़ने लगते हैं. बारिश के मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होने लगती हैं और इसका सबसे ज्यादा असर मांसाहारी भोजन पर पड़ता है. सावन में बारिश के चलते सूर्य की रोशनी का अभाव होता है और ह्यूमिडिटी बहुत ज्यादा होती है, जिससे खाने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं.


बारिश के मौसम में मछलियां देती हैं अंडे


बारिश के मौसम में सी-फूड भी खाना हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि इस समय मछलियां अंडे देती हैं और इस वजह से उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. इसलिए सावन में सी फ़ूड नहीं खाना चाहिए.


बारिश के मौसम में देर से पचने वाला भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आपके पेट में खाना जल्दी नहीं पचता है तो यह आंतों में सड़ने लगता है और और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है इसलिए इस मौसम में जल्दी पचने वाला खाना ही खाना चाहिए.

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