'आज की कहानी'
कलेक्टर और पटवारी के बच्चे
'हमसफर मित्र न्यूज'
एक शहर में कलेक्टर के घर के सामने एक पटवारी ने घर खरीद लिया। दोनों के दो दो बच्चे थे। एक दिन मोहल्ले में आइसक्रीम बेचने वाला आया तो पटवारी के बच्चों ने बोला कि हमें आइसक्रीम खानी है। पटवारी ने झट 20 रूपये दिये और कहा जाओ खा लो। आइसक्रीम वाला कलेक्टर के घर के सामने पहुंचा तो उसके बच्चों ने भी आइसक्रीम खाने के लिए कहा कलेक्टर बोला बच्चों यह डर्टी होती है अच्छी नहीं है बीमार हो जाओगे । बच्चे बेचारे मन मसोस कर बैठ गए। दो दिन बाद रेवड़ी गजक वाला मोहल्ले में आया फिर पटवारी के बच्चों ने गजक खाने की इच्छा जताई तो पटवारी ने झट 20 रूपये दिये और बच्चों ने गजक खा ली। अब गजक वाला कलेक्टर के घर के पास पहुंचा तो उसके बच्चों ने भी गजक खाने की जिद करी कलेक्टर ने कहा कि बेटा इस पर डस्ट लगी होती है बीमारी हो जाती है बच्चे फिर मुँह लटका कर बैठ गए।
कुछ दिन बाद मोहल्ले में मदारी आया जो बंदर नचा रहा था। पटवारी के बच्चों ने कहा हमे बंदर के साथ खेलना है। पटवारी ने मदारी को 50 रूपये दिए और थोड़ी देर बच्चों को बंदर से खेलने को कह दिया। बच्चे खुश। अब कलेक्टर के बच्चों ने भी कह कि उन्हें भी बंदर के साथ खेलना है कलेक्टर बोला अरे कैसी गंदी बात है बंदर जानवर है काट लेता है यह कोई खेलने वाली चीज है ? बच्चे बेचारे फिर चुप चाप बैठ गए।
कुछ दिन बाद कलेक्टर ने अपने बच्चों से पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं तो बच्चों ने तपाक से उत्तर दिया।
💄पटवारी💄
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