'आज का सेहत'
क्या आपको है हाई या लो ब्लडप्रेशर..? तो जानना जरूरी है ये बातें
प्रस्तुति - 'मनितोष सरकार' (संपादक)
'हमसफर मित्र न्यूज'
आज के समय में खानपान और असंतुलित जीवनशैली के कारण तमाम तरह की बीमारियां लोगों को हो रही हैं। ब्लड प्रेशर की समस्या भी ज्यादातर लोगों में खानपान से जुड़ी गड़बड़ी और तनाव भरी जीवनशैली के कारण होती है। ब्लड प्रेशर की समस्या में न सिर्फ आके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में असंतुलन होता है बल्कि इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां भी शरीर में हो सकती हैं। हमारे शरीर में मौजूद हार्ट शरीर के सभी अंगों में ब्लड का सप्लाई करता है। जब हमारे शरीर में सामान्य रूप से ब्लड का सर्कुलेशन होता रहता है तो इस स्थिति को ब्लड प्रेशर का सामान्य होना माना जाता है लेकिन खानपान में असंतुलन, शारीरिक गतिविधियों में कमी और शरीर अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों के कारण ब्लड के सर्कुलेशन में असंतुलन भी हो सकता है। ब्लड प्रेशर की बीमारी दो तरह की होती है, एक जिसे हाई ब्लड प्रेशर यानि उच्च रक्तचाप कहते हैं वहीं दूसरे को लो ब्लड प्रेशर यानि निम्न रक्तचाप कहा जाता है। इन समस्याओं की वजह से शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइये अपोलो अस्पताल दिल्ली के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ के के कपूर से जानते हैं किस उम्र में कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड प्रेशर?
कितने प्रकार की होती है ब्लड प्रेशर की समस्या?
शरीर में रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर की समस्या मुख्य रूप से 2 तरह की होती है। जब आपके शरीर में कुछ कारणों से हृदय की धमनियों से अधिक रक्त पंप होता है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है। वहीं अगर शरीर में ब्लड प्रेशर का रेंज सामान्य से कम हो जाता है तो इसे लो ब्लड प्रेशर की समस्या माना जाता है। ब्लड प्रेशर में असंतुलन होने पर हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कितनी होती है हाई और लो ब्लड प्रेशर की रीडिंग?
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
सिस्टोलिक - 130 से 139 mm Hg के बीच
डायास्टोलिक - 80 से 90 mm Hg के बीच
लो ब्लड प्रेशर
सिस्टोलिक - 90 mm Hg से कम
डायास्टोलिक - 60 mm Hg से कम
सामान्य ब्लड प्रेशर
सिस्टोलिक - 120 mmHg
डायास्टोलिक - 80 mm Hg
किस उम्र में कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड प्रेशर?
ब्लड प्रेशर की माप दो तरह की आंकड़ों के हिसाब से की जाती है। ब्लड प्रेशर की जांच करने के लिए सिस्टोलिक और डायस्टोलिक आंकड़ों को देखा जाता है। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में आपका हृदय धड़कन के बाद शरीर के सारे अंगों में खून को पंप करता है और डायस्टोलिक बीपी में आपका हृदय वापस ब्लड पंप करने के बाद शिथिल की स्थिति में होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक महिला और पुरुष दोनों में उम्र के हिसाब से नॉर्मल बीपी का रेंज इस हिसाब से होना चाहिए।
पुरुषों में उम्र के हिसाब से नॉर्मल बीपी
21 से 25 साल : SBP 120.5 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
26 से 30 साल: SBP 119.5 mm Hg और DBP 76.5 mm Hg
31 से 35 साल: SBP 114.5 mm Hg और DBP 75.5 mm Hg
36 से 40 साल: SBP 115.5 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
41 से 45 साल: SBP 115.5 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
46 से 50 साल: SBP 119.5 mm Hg और DBP 80.5 mm Hg
51 से 55 साल: SBP 125.5 mm Hg और DBP 80.5 mm Hg
56 से 60 साल: SBP 129.5 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
61 से 65 साल: या उससे अधिक: SBP 143.5 mm Hg और DBP 76.5 mm Hg
महिलाओं में उम्र के हिसाब से नॉर्मल बीपी रेंज
21 से 25 साल : SBP 115.5 mm Hg और DBP 70.5 mm Hg
26 से 30 साल: SBP 113.5 mm Hg और DBP 71.5 mm Hg
31 से 35 साल: SBP 110.5 mm Hg और DBP 72.5 mm Hg
36 से 40 साल: SBP 112.5 mm Hg और DBP 74.5 mm Hg
41 से 45 साल: SBP 116.5 mm Hg और DBP 73.5 mm Hg
46 से 50 साल: SBP 124 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
51 से 55 साल: SBP 122.55 mm Hg और DBP 74.5 mm Hg
56 से 60 साल: SBP 132.5 mm Hg और DBP 78.5 mm Hg
61 से 65 साल: या उससे अधिक: SBP 130.5 mm Hg और DBP 77.5 mm Hg
* SPB - सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर
* DBP - डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर
ये आंकड़े पुरुषों और महिलाओं में उम्र के हिसाब से नॉर्मल माने जाते हैं। कई बार कुछ कारणों से ये आंकड़े घट और बढ़ भी सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर
1. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, लो ब्लड प्रेशर की तुलना में अधिक होती है।
2. हाई ब्लड प्रेशर की तुलना में लो ब्लड प्रेशर के लक्षण जल्दी दिखते हैं।
3. लो ब्लड प्रेशर यानि हाइपोटेंशन में चक्कर आना, थकान और धुंधली दृष्टि जैसी समस्या होती है, जबकि उच्च रक्तचाप में सिरदर्द और सीने में दर्द जैसी प्रमुख समस्या होती है।
4. गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की वजह से दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है लेकिन लो ब्लड प्रेशर में यह नहीं होता।
ब्लड प्रेशर की समस्या से बचाव के जरूरी उपाय
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करें।
भोजन में सोडियम (नमक) की मात्रा को सीमित रखें और पोटेशियम की मात्रा को बढ़ाएं।
कम फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने और फल व सब्जियों को डाइट में शामिल करें।
नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें।
वजन को हमेशा नियंत्रित रखें, मोटापे की समस्या की वजह से भी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है।
शराब के सेवन और स्मोकिंग से बचें, इनकी वजह से ज्यादातर लोगों में यह समस्या होती है।
तनाव और चिंता जैसी मानसिक स्थिति से बचें।
दवाओं के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें, दिन में छोटे-छोटे पोर्शन में कुछ न कुछ खाएं और एकसाथ पेट भरकर खाने से बचें।
शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखें।
शराब के सेवन और स्मोकिंग से बचें।
इस तरह से ऊपर बताई गयी टिप्स का पालन करके आप ब्लड प्रेशर की समस्या से बच सकते हैं। शरीर में कई कारणों से ब्लड प्रेशर की रीडिंग में बदलाव हो सकते हैं। शरीर में ब्लड प्रेशर की रीडिंग में बदलाव होने पर आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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