मृत घोषित कर मुर्दो के बीच रख दिया रात भर, सुबह मिली जिंदा - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Saturday, November 20, 2021



 मृत घोषित कर मुर्दो के बीच रख दिया रात भर, सुबह मिली जिंदा 

'हमसफर मित्र न्यूज' 


उत्तर प्रदेश। के मुरादाबाद में डॉक्टरों की लापरवाही का चौकाने वाला मामला सामने आया है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को निजी और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद उसे मोर्चरी में रख दिया गया। वही पत्नी ने रोते हुए पति की छाती पर हाथ रखा तो उसे दिल की धड़कन महसूस हुई।


वही पंचनामा के लिए चौकी प्रभारी भी वहां पहुंचे थे। उन्हें भी यह पूरा अहसास हुआ कि मरीज जीवित है। इस पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। महिला के पति को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उनका दोबारा इलाज शुरू किया गया। शख्स की गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वही घटना में डॉक्टर की लापरवाही सामने आने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गयी है।


दिल दहला देने वाली यह घटना संभल के हजरतनगर गढ़ी थाना क्षेत्र के पोटा बरही गांव की है। यहां रहने वाले श्रीकेश गौतम गुरुवार की शाम दूध लेने के लिए घर से निकले थे। रास्ते में उनको मंडी समिति की बाइक ने जोरदार टक्कर मार दी। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन फानन में लोगों ने उन्हें दिल्ली रोड स्थित साईं अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से उन्हें रेफर कर दिया गया। हालत बिगड़ती देख प्राइवेट अस्पताल ने श्रीकेश गौतम को जिला अस्पताल के इमरजेंसी भेज दिया। यहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. मनोज कुमार ने दोपहर करीब साढ़े तीन बजे गौतम को मृत घोषित कर दिया। मृत घोषित किए जाने के बाद श्रीकेश का परिवार पूरी तरह टूट गया। देर शाम होने की वजह से मृतक बताकर शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया।


पुलिस कर्मी को भी हुई दिल की धड़कन महसूस

 

वहीं सिविल लाइंस थाना व मझोला पुलिस को भी श्रीकेश की मौत की सूचना दी गई। सुबह एसआई अवधेश कुमार पोस्टमार्टम के लिए पंचनामा भरने मोर्चरी पहुंचे तो मृतक की पत्नी और परिवार के लोग विलाप करने लगे। इसी दौरान पत्नी दीक्षा ने रोते हुए मृतक घोषित किये गये पति की छाती पर हाथ रखा तो उसे दिल की धड़कन महसूस हुई। उसने इसकी जानकारी मौके पर पंचनामा भर रहे दरोगा को दी। चौकी प्रभारी ने इसकी जांच की तो यह बात सही निकली।


जिसके बाद इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर अरुण को तुरंत मोर्चरी में बुलाया गया। जांच के बाद डॉक्टर ने श्रीकेश के जीवित होने की पुष्टि की। फिर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया और ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।



'हरिभूमि' से साभार 

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