गणेश वंदना
'हमसफर मित्र न्यूज'
प्रेम-भाव मन में रहे,और मिटे सब क्लेश।
भक्त तारते हैं सदा, गौरी पुत्र गणेश।।
गणनायक वरदान दो, कष्ट हरो भगवान।
भाग्य सँवारो भक्त का,रचकर परम् विधान।।
भक्त खड़ा मझधार में, आज बचा लो लाज।
पूजा विधि जानू नहीं, दया करो गणराज।।
मैं अज्ञानी हूँ मनुज,आप जगत करतार।
शरण गहूँ मैं आपकी, कर दो बेड़ापार।।
फैल रहा संसार में, राग-द्वेष मद-लोभ।
गौरीपुत्र गणेश जी,हरो सभी मन क्षोभ।।
शिव-गौरी के लाडले, एक दंत महाराज।
मूषक वाहन बैठकर,सभी सँवारो काज।।
मोदक-प्रिय अवनीश जी, दर्शन देकर आज।
हर-हर कर हर क्लेश को,आज बचाओ लाज।।
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