लघुकथा : 🔥प्रार्थना की शक्ति🔥 - HUMSAFAR MITRA NEWS

Advertisment

Advertisment
Sarkar Online Center

Breaking

Followers


Youtube

Thursday, August 12, 2021

 लघुकथा 

🔥प्रार्थना की शक्ति🔥

'हमसफर मित्र न्यूज' 


*प्रार्थना में बहुत ताकत होती है. कहते सच्चे दिल से की गई प्रार्थना ईश्वर जरूर सुनते हैं. उस प्रार्थना के बल पर ईश्वर सही समय पर सही व्यक्ति को मदद के लिए भेज ही देते हैं ऐसा ही एक दृष्टांत प्रस्तुत है* 


*अभय को उसकी प्रशिक्षण के लिए नासिक जाना पडा़. वहा उसे एक गुरूकुल मे ठहराया गया.गुरूकूल का नियम था.हर रोज सुबह एक घंटा प्रार्थना करनी पडती थी. अभय नास्तिक था.उसने बोला गुरूजी ,"आप मुझे इस नियम के लिए बाध्य ना करे."  गुरूजी ने समझाया कि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है लेकिन अभय नास्तिक था , नहीं माना. गुरूजी ने कहा, "एक दिन तुमे प्रार्थना की शक्ति का अहसास जरूर होगा. उसने इस बात को हंसी में उडा दिया.*


*कुछ दिनों में उसका प्रशिक्षण ख़तम हो गया.और वह वापिस चला गया.पद्रंह साल बाद वो कामयाब व्यापारी था. सब कुछ था, सुंदर पत्नी और बच्चे थे.एक रात वह घबराहट के कारण उठ गया. उसका ध्यान गुरूजी कि तरफ़ गया. उसका मन  गुरूजी को मिलने का हुआ. अगले दिन सुबह उसने गुरूकुल मे फोन किया तो पता  चला की गुरूजी  ठीक से चल नहीं पाते, सुन नहीं पाते. उसने सोचा गुरूजी से मिल कर आता हूं. पर उनके लिए क्या उपहार ले कर जाऊ. फिर उसने निश्चय किया चल नहीं पाते तो अच्छी सी छडी़ ले जाता हूं, सुन नहीं पाते तो सुनने की मशीन ले जाता हूं*



*अगले दिन सुबह जब गुरूकुल पहुंचा, तो प्रार्थना चल रही थी. गुरूकुल के संचालक ने बताया कि प्रार्थना गुरूजी के लिए चल रही है. गुरूजी चल नहीं पाते तो डाक्टर छडी़ की मदद से चलने के लिए  कहा है.और सुन नहीं पाते है तो सुनने की मशीन लगाने को कहा है. गुरूजी कहते है की गुरूकुल का एक भी पैसा मुझ पर खर्च नहीं होगा.और ना ही कोई किसी को देने को बोलेगा. उनका मानना है की अगर भगवान को लगेगा कि मुझे सचमुच इस की ज़रुरत है तो वह किसी ना किसी को मेरी सहायता के लिए अवश्य भेज देंगे*


*बात करते करते वो गुरूजी जी कमरे में पहुंचे. उसने गुरूजी को प्रणाम किया. उनका हालचाल पूछा. उसकी नज़र गुरूजी की मेज पर पड़ी डाक्टर की पर्ची पड़ी थी.पर्ची पढते ही उसकी आंखों से आसू बहने लगे.ओर गुरूजी की बात दिमाग में घुमने लगी, कि एक दिन तुम्हें प्रार्थना की शक्ति का अहसास जरूर होगा. क्योंकि जब गुरूकुल में पहले दिन प्रार्थना हुई, तो मुझे गुरूजी का ध्यान आया. दूसरे दिन प्रार्थना हुई तो मैंने छड़ी औंर मशीन खरीदी. तीसरे दिन प्रार्थना हुई तो मैं यहां पंहुच गया.सब से हैरानी की बात यह थी कि वह उसी कंम्पनी की छड़ी  और कान की मशीन लाया था जो डाक्टर ने पर्ची पर लिखी थी. आज उसे सचमुच प्रार्थना की शक्ति का एहसास हो गया.*        


*सदैव प्रसन्न रहिये और मुस्कुराइए*

*जो प्राप्त है- वो पर्याप्त है*

*जिसका मन मस्त है*

*उसके पास समस्त है!!*

          

 *🚩चन्द्रशेखर तिवारी

No comments:

Post a Comment