ज्येष्ठ अमावस्या आज, पितरों के निमित्र करे दान और तर्पण
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'हमसफर मित्र न्यूज'
✍🏻ज्येष्ठ माह में आने वाली १५वीं तिथि ज्येष्ठ अमावस्या कहलाती है।हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का खास महत्व होता है, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या १० जून को आज मनाई जाएगी, ज्येष्ठ अमावस्या के मौके पर भगवान शिव-पार्वती, विष्णुजी और वट वृक्ष की पूजा की परंपरा है, अमावस्या के दिन स्नान और दान का काफी महत्व होता है,
ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान स्नान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है ।प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है, तीर्थ स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है, इसके बाद ब्राह्मण भोजन और जल दान का संकल्प लेना चाहिए, इस दिन अन्न और जल दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं, जिससे परिवार में समृद्धि आती है, इस दिन स्नान करने से नकारात्मक तत्व दूर होते हैं और मानसिक बल मिलता है, ज्येष्ठ अमावस्या के मौके पर आइए जानते हैं कौन सी चीजें नहीं करनी चाहिए.....
*१:-* ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अगर आपके घर में कई गरीब मांगने वाला आता है तो उसे कभी भी मना नहीं करना चाहिए या खाली हाथ लौटाना नहीं चाहिए।
*२:-* ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है इसलिए शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन तन और मन से शुद्धता बनाए रखनी चाहिए।
*३:-* ज्येष्ठ अमावस्या के दिन महिलाओं को बाल खोलकर नहीं रहना चाहिए, ऐसा अशुभ माना जाता है, अमावस्या की तिथि पर महिलाओं को हमेशा अपना बाल बांधकर रखने चाहिए।
*४:-* ज्येष्ठ अमावस्या के दिन लोहा, कांच या सरसों का तेल आदि शनि से संबंधित किसी भी चीज की खरीदारी नहीं करनी चाहिए, ऐसा करना अशुभ बताया गया है, इन चीजों पर शनि व राहु-केतु का संबंध माना गया है।
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