ज्ञान की बातें : अटकन बटकन दही चटाकन
'हमसफर मित्र न्यूज'
*1- ( अटकन )*
अर्थ-
जीर्ण शरीर हुआ जीव जब भोजन उचित रूप से निगल तक नहीँ पाता अटकने लगता है--
*2- ( बटकन )*
अर्थ-
मृत्युकाल निकट आते ही जब पुतलियाँ उलटने लगती हैं-
*3- ( दही चटाकन )*
अर्थ -
उसके बाद जब जीव जाने के लिए आतुर काल में होता है तो लोग कहते हैँ गंगाजल पिलाओ
*4- ( लउहा लाटा बन के काटा )*
अर्थ-
जब जीव मर गया तब श्मशान भूमि ले जाकर लकड़ियों से जलाना अर्थात जल्दी जल्दी लकड़ी लाकर जलाया जाना
*6- ( तुहुर-तुहुर पानी गिरय )*
अर्थ-
जल रही चिता के पास खड़े हर जीव की आँखों में आंसू होते हैं
*7- ( सावन में करेला फुटय )*
अर्थ-
अश्रुपूरित होकर कपाल क्रिया कर मस्तक को फोड़ना |
*8- ( चल चल बेटा गंगा जाबो )*
अर्थ-
अस्थि संचय पश्चात उसे विसर्जन हेतु गंगा ले जाना ।
*9- ( गंगा ले गोदावरी जाबो )*
अर्थ-
अस्थि विसर्जित के लिए तीर्थ यात्रा कर घर लोटना।
*10- (आठ नगर पागा गुलाब सिंह राजा )पगबंदी - अन्य अन्य गांव से आने वाले पगबंदी करते हैं और आशीर्वाद देते हैं कि आज से आप इस घर के मुखिया हो या राजा हो।
*11- ( पाका-पाका बेल खाबो )*
अर्थ-
घर में पक्वान्न (तेरहवीं अथवा दस गात्र में) खाना और खिलाना |
धन संपत्ति बिना महन्त के मिलना।
*12- ( बेल के डारा टुटगे )*
अर्थ-
हमारे परिवार के एक सदस्य कम हो गया।
*13- ( भरे कटोरा फुटगे )*
अर्थ-
उस जीव का इस संसार से नाता छूट गया ।
भरे पूरे परिवार बिखर गया।
*यह प्रतीकात्मक बाल गीत इतना बड़ा सन्देश देता रहा और अर्थ समझने में इतने वर्ष लग गए।*
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