ज्ञान की बातें : अटकन बटकन दही चटाकन..... - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Tuesday, May 4, 2021



ज्ञान की बातें : अटकन बटकन दही चटाकन 

'हमसफर मित्र न्यूज' 

 *1- ( अटकन )*

अर्थ-

जीर्ण शरीर हुआ जीव जब भोजन उचित रूप से निगल तक नहीँ पाता अटकने लगता है--


*2- ( बटकन )* 

अर्थ-

मृत्युकाल निकट आते ही जब पुतलियाँ उलटने लगती हैं-


*3- ( दही चटाकन )* 

अर्थ - 

उसके बाद जब जीव जाने के लिए आतुर काल में होता है तो लोग कहते हैँ गंगाजल पिलाओ 


*4- (  लउहा लाटा बन के काटा )*

अर्थ-

जब जीव मर गया तब श्मशान भूमि ले जाकर लकड़ियों से जलाना अर्थात जल्दी जल्दी लकड़ी लाकर जलाया जाना 


*6- ( तुहुर-तुहुर पानी गिरय )* 

अर्थ-

जल रही चिता के पास खड़े हर जीव की आँखों में आंसू होते हैं 


*7- ( सावन में करेला फुटय )* 

अर्थ-

अश्रुपूरित होकर कपाल क्रिया कर मस्तक को फोड़ना |


*8- ( चल चल बेटा गंगा जाबो )* 

अर्थ-

अस्थि संचय पश्चात उसे विसर्जन हेतु गंगा ले  जाना ।


*9- ( गंगा ले गोदावरी जाबो )* 

अर्थ- 

अस्थि विसर्जित के लिए तीर्थ यात्रा कर घर लोटना।


*10-  (आठ नगर पागा गुलाब सिंह राजा )पगबंदी - अन्य अन्य गांव से आने वाले पगबंदी करते हैं और आशीर्वाद देते हैं कि आज से आप इस घर के मुखिया हो या राजा हो।


*11- ( पाका-पाका बेल खाबो )* 

अर्थ-

घर में पक्वान्न (तेरहवीं अथवा दस गात्र में) खाना और खिलाना |

धन संपत्ति बिना महन्त के मिलना।


*12- ( बेल के डारा टुटगे )* 

अर्थ-

हमारे परिवार के एक सदस्य कम हो गया।


*13- ( भरे कटोरा फुटगे )* 

अर्थ- 

उस जीव का इस संसार से नाता छूट गया ।

भरे पूरे परिवार बिखर गया।


*यह प्रतीकात्मक बाल गीत इतना बड़ा सन्देश देता रहा और अर्थ समझने में इतने वर्ष लग गए।*


🙏 *पंडित गणेशदत्त राजू तिवारी* *मल्हार* 🙏

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