आयुर्वेद के अनुसार पालक के 8 उपकारी फायदे... - HUMSAFAR MITRA NEWS

Advertisment

Advertisment
Sarkar Online Center

Breaking

Followers


Youtube

Wednesday, May 26, 2021

 'आज का सेहत' 

आयुर्वेद के अनुसार पालक के 8 उपकारी फायदे 

प्रस्तुति - 'एम. के. सरकार (संपादक) 

' हमसफर मित्र न्यूज '





पालक को भाजियों का राजा कहा जा सकता है। पालक में प्रचुर मात्रा में लौह तत्व मौजूद होने के कारण रक्ताल्पता को दूर करने में सक्षम हैं। पालक में चेहरे का रौनक भी बढ़ता है और खुबसूरती बनाने में सहायक है। आइए जानते हैं 'हमसफर मित्र न्यूज' के 'आज का सेहत' में पालक के 8 सेहतमंद गुण के बारे में... 


1. इसमें पाए जाने वाले तत्वों में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसार, विटामिन 'ए' एवं 'सी' आदि उल्लेखनीय हैं। इन तत्वों में भी लोहा विशेष रूप से पाया जाता है।


2. लौह तत्व मानव शरीर के लिए उपयोगी, महत्वपूर्ण, अनिवार्य होता है। लोहे के कारण ही शरीर के रक्त में स्थित रक्ताणुओं में रोग निरोधक क्षमता तथा रक्त में रक्तिमा (लालपन) आती है। लोहे की कमी के कारण ही रक्त में रक्ताणुओं की कमी होकर प्रायः पाण्डु रोग उत्पन्न हो जाता है।


3. लौह तत्व की कमी से जो रक्ताल्पता अथवा रक्त में स्थित रक्तकणों की न्यूनता होती है, उसका तात्कालिक प्रभाव मुख पर विशेषतः होंठ, नाक, गाल, कान एवं आंखों पर पड़ता है, जिससे चेहरे की रंगत अैर लालिमा चली जाती है। कालांतर में संपूर्ण शरीर भी इस विकृति से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता।


4. लोहे की कमी से शक्ति ह्रास, शरीर निस्तेज होना, उत्साहहीनता, स्फूर्ति का अभाव, आलस्य, दुर्बलता, जठराग्नि की मंदता, अरुचि, यकृत आदि परेशानियां होती हैं।


5. पालक की शाक वायुकारक, शीतल, कफ बढ़ाने वाली, मल का भेदन करने वाली, गुरु (भारी) विष्टम्भी (मलावरोध करने वाली) मद, श्वास,पित्त, रक्त विकार एवं ज्वर को दूर करने वाली होती है।


6. आयुर्वेद के अनुसार पालक की भाजी सामान्यतः रुचिकर और शीघ्र पचने वाली होती है। इसके बीज मृदु, विरेचक एवं शीतल होते हैं। ये कठिनाई से आने वाली श्वास, यकृत की सूजन और पाण्डु रोग की निवृत्ति हेतु उपयोग में लाए जाते हैं।


7. गर्मी का नजला, सीने और फेफड़े की जलन में भी यह लाभप्रद है। यह पित्त की तेजी को शांत करती है, गर्मी की वजह से होने वाले पीलिया और खांंसी में यह बहुत लाभदायक है।


8. स्त्रियों के लिए पालक का शाक अत्यंत उपयोगी है। युवतियां यदि अपने चेहरे का नैसर्गिक सौंदर्य एवं रक्तिमा (लालिमा) बढ़ाना चाहती हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पालक के रस का सेवन करना चाहिए। प्रयोग से देखा गया है कि पालक के निरंतर सेवन से रंग में निखार आता है। इसे भाजी (सब्जी) बनाकर खाने की अपेक्षा यदि कच्चा ही खाया जाए, तो अधिक लाभप्रद एवं गुणकारी है। पालक से रक्त शुद्धि एवं शक्ति का संचार होता है।

No comments:

Post a Comment