पढ़ना लिखना अभियान के अंतर्गत तीन दिवसीय स्वयंसेवी शिक्षको का प्रशिक्षण सम्पन्न
नवागढ़ से दुजेय साहू की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'।
नवागढ़। 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के महिला पुरुषों को जो अपने समय में विद्यालय नही जा पाए और शिक्षा से वंचित हो गए, ऐसे असाक्षरो को साक्षर करने के उद्देश्य से पढ़ना लिखना अभियान चलाया जा रहा है। जिसके लिए स्वयंसेवी शिक्षको का प्रशिक्षण विकास खंड स्रोत नवागढ़ दो चरणों में आयोजन किया गया।
पहले चरण में 18- 19 मार्च को झाल, हाथाडाडु, व ठेंगा भाट संकुल तथा दूसरे चरण में 22 मार्च को नवागढ़, मुरता, प्रतापपुर व अंधियारखोर संकुल के स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
इसी प्रकार नांदघाट परिक्षेत्र में भी दो चरणों में प्रशिक्षण हुआ।
प्रशिक्षण की शुरूआत सरस्वती पूजन व राज्य गीत के साथ हुई। विकासखंड शिक्षा अधिकारी एल एन बाँधे के द्वारा उपस्थित शिक्षार्थियों को अभियान के बारे में बताते हुए पूरे मनोयोग के साथ प्रशिक्षण ग्रहण कर अपने कर्तब्यों का निर्वहन करने कहा गया।
बी आर पी नवागढ़ एस आर साहू ने बताया कि यह योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित असाक्षरों के लिए पढ़ना लिखना अभियान प्रारंभ किया गया है। यह अभियान बुनियादी साक्षरता पर केंद्रित है। पढ़ना लिखना अभियान में महिला साक्षरता पर विशेष जोर दिया गया है।
सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डी पी कोइरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा दान एक बहुत ही नेक काम है। किसी व्यक्ति को शिक्षित करना एक व्यक्तित्व का निर्माण करना है। पढ़ना लिखना अभियान स्वयंसेवी भावना की अवधारणा पर आधारित हैं। आप सभी की महती भूमिका हैं या यूं कहें कि आप सभी स्वयंसेवी इस अभियान के आधार स्तंभ हैं।
उन्होंने अपने आदर्श उन वैज्ञानिकों को मानता है जो अपने लिए नही बल्कि दूसरो के लिए जीते हैं और कार्य करते हुए अपनी पूरी जिंदगी सेवा में समर्पित कर देते है। उन्होंने कई वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुए बताया कि अलेक्जेंडर फ्लेमिंग जिन्होंने पेनिसिलीन नामक टीका की खोज की थीं, वे अपने लिए नही बल्कि दुनिया के जनता को समर्पित की थी। शिक्षार्थियों को भी ऐसे महान लोगो को अपना आदर्श मानने हेतु प्रेरित किया।
मास्टर ट्रेनर्स डी सी देवांगन, एन आर साहू , टी आर वर्मा और कुमार वर्मा थे। पढ़ना लिखना अभियान से परिचय, साक्षरता , वातावरण निर्माण, कक्षा संचालन, साक्षरता केंद्र रखरखाव, स्वयंसेवी शिक्षको की भूमिका, डिजिटल माध्यमो का उपयोग, नवाचार गतिविधियां, प्रौढ़ की पहचान, तथा आंतरिक मूल्यांकन सहित विभिन्न बिंदुओं पर सारगर्भित ढंग से प्रशिक्षण दिया गया।
सभी मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा उपस्थित शिक्षार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा गया कि हमारे समाज के कुछ भाई बहन जो साक्षरता शिक्षा से किन्ही कारणों से वंचित रह गए हैं उन असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कार्य है , उन असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता प्रदान कर उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ सकते है, इस अभियान में आप सब स्वयं सेवी शिक्षक योगदान दे सकते है यही आप सबसे अपेक्षा करते है। प्रशिक्षण के दौरान कोविड 19 के नियमों का पालन किया गया।
इस प्रकार तीन दिवसीय स्वयं सेवी शिक्षको का प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्यगीत के साथ संपन्न हुआ।
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