जिंदल प्लांट को लाभ पहुचाने मस्तुरी एसडीएम एवं तहसीलदार कर रहे जमकर मनमानी, गौठान की जमीन को लेकर हो रहा फर्जीवाडा
०० जिल्दल प्लांट संचालको को लाभ पहुचाने मस्तुरी एसडीएम, तहसीलदार आपसी मिलीभगत कर दे रहे फर्जीवाडा को अंजाम
०० वन विभाग की जमीन पर स्थित बड़े वृक्ष के जंगल में कराया जा रहा गौठान का निर्माण
०० मस्तुरी एसडीएम कार्यालय के सामने से फर्राटे भर रहे है अवैध खनिज से भरे भारी वाहन
पं. गणेशदत्त राजू तिवारी की रिपोर्ट
'हमसफर मित्र न्यूज'।
मस्तुरी| मस्तुरी तहसील के ग्राम गोड़ाडीह के आश्रित ग्राम सोडाडीह में गौठान का भूमिपूजन किया गया था लेकिन प्लांट में हो रही ब्लास्टिंग से गौधनो के साथ हादसा होने के अंदेशा के चलते जिंदल प्लांट संचालको को लाभ पहुचाने मस्तुरी एसडीएम, तहसीलदार द्वारा मिलीभगत कर गौठान की जमीन को गुपचुप तरीके से स्थानातंरण कर ग्राम गोड़ाडीह के आबादी बस्ती ले जाने व वहां स्थित वन विभाग की जमीन जहा बड़े वृक्ष के जगल स्थित है गौठान का निर्माण कराया जा रहा है, इसी तरह प्लांट संचालको को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से पंचायत की बेजाकब्ज़ा जमीन पर सालो से काबिज ग्रामीणों के घरो में रातो-रात बुलडोजर चला कर उन्हें घर से बेघर कर दिया गया| जिंदल प्लांट सहित अन्य प्लांट संचालको द्वारा मोटी रकम का लेनदेन कर मस्तुरी एसडीएम, तहसीलदार से आपसी मिलीभगत कर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है|
मस्तुरी एसडीएम एबम तहसीलदार द्वारा लगातार क्षेत्र के प्लांट एवं क्रशर संचालको को लाभ पहुचाने का कार्य किया जा रहा है वही क्रशर संचालको अवैध खनिज उत्खनन एवं परिवहन कर रहे लोगो को संरक्षण दिया जा रहा है जिसके चलते क्रेशर संचालकों की गुंडागर्दी चरम पर है वही क्रशर सञ्चालन के कारण मुख्य रोड में पैदल चलना तो दूर दो पहिया और चार पहिया सवार वाहन सवारों का गुजरना भी दूभर हो गया हैं, क्योकि 24 घंटे संचालित क्रेशर के डस्ट इस तरह से उड़ते हैं,जैसे घना कोहरा हो। एक फिट की दूरी के भी वाहन चालक डस्ट की वजह से एक दूसरे को नही देख पाते उक्त डस्ट से किसानों के खेत तो बर्बाद हो रहे,सांथ ही आए दिन दुर्घटनाए भी हो रहे हैं जिसके कारण बेकसूर शिकार हो रहे और काल के गाल में समा रहे लेकिन मस्तूरी में कुर्सी तोड़ रहे एसडीएम, तहसीलदार के कान से जु तक नही रेग रहा? कारण स्पष्ट हैं, जो सबको पता है। सूत्रों का कहना हैं कि खैरा, भदौरा, मोहतरा, कोसमडीह, मस्तूरी, जयरामनगर का क्रेशर बिलासपुर ही नही पूरे प्रदेश में विख्यात हैं, यहाँ का गिट्टी, पत्थर, कोरबा, अम्बिकापुर, बलौदाबाजार, मुंगेली, कवर्धा सही कई जिलों में मांग हैं जिसे खपा कर क्रेशर मालिको द्वारा मोटी कमाई की जाती हैं। जो मस्तूरी के तहसीलदार,एसडीएम एवं खनिज विभाग की मिलीभगत से संचालित होती हैं, हर माह इन क्रेशर माफियाओ द्वारा शासन का रॉयल्टी चोरी कर करोड़ो का चूना लगाया जा रहा हैं और मस्तूरी में बैठे अधिकारी कुम्भकर्णी नीद में सोए हैं, और लाल हरे नोट की गिनती में मस्त हैं।
क्षेत्र में हो रहा व्यापक रेत उत्खनन-परिवहन :- मस्तूरी तहसील के उदईबन्द, अमलडीहा में दो-दो चैन माउंटिन लगाकर जीवन दायनी शिवनाथ नदी का सीना चिर रेत माफिया चौबीसो घंटे रेत खनन में लगे हुए है वही धडल्ले से सैकड़ो हाईवा ट्रको से रेत का परिवहन किया जा रहा है जो मस्तुरी एसडीएम कार्यालय के सामने से ही रोजाना गुजर रहा है मगर खनिज विभाग सहित एसडीएम तहसीलदार द्वारा इसके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहे है|
रहटटोर एनीकट एवं मनवा के ओवर ब्रिज के बीचों-बीच रेत निकाल रहे माफिया:- रहटटोर के एनीकट से मात्र 30 मीटर की दूरी से रेत माफिया द्वारा धड़ल्ले से शिवनाथ नदी से रेत खनन किया जा और 24 घंटे मस्तूरी एसडीएम एवं तहसीलदार कार्यालय के सामने से रोज फर्राटे मार रहे पर इन अधिकारियों का कान से जु तक नही रेंगता| खनिज नियमो के अनुसार कही पर भी एनीकट या ब्रिज हो उसके सौ मीटर की दूरी से रेत निकाला जा सकता हैं, पर रेत माफिया एनीकट से मात्र 30 फिट की दूरी से रेत खनन कर रहे,जिससे आने वाले समय मे बिलासपुर से बलौदाबाजार को मिलाने के उद्देश्य से ओअर ब्रिज निर्माण किया जा रहा जो ग्राम पंचायत से संपर्क बलौदाबाजार संपर्क हेतु ब्रिज तैयार हो रही जिसकी नीव कमजोर होकर कभी भी बड़ी घटना हो सकती हैं|
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