'कोरोनिल' विवाद पर बाबा रामदेव ने दी सफाई
'हमसफर मित्र'।
कोरोनिल पर विवाद बढ़ना और देश भर में पतंजलि कंपनी पर एफआईआर के बाद बाबा रामदेव ने सफाई दी। कोरोना का इलाज लेकर आए योग गुरु बाबा रामदेव को पिछले दिनो बहुत सी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोनिल विवाद पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। बाबा रामदेव ने कहा कोरोनिल के काम पर आयुष मंत्रालय ने हमारे प्रयासों को सराहा है। साथ ही बाबा रामदेव ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल और रजिस्ट्रेशन दोनों प्रक्रिया में नियमों का पालन किया गया है। 23 जून को कोरोनिल लॉन्च की गई थी। दावा किया गया था कि इससे 7 दिन के अंदर 100 फीसदी रिकवरी हो जाएगी। कोरोना की दवा के रूप में लाई गई कोरोनिल पर तुरंत ही विवाद हो गया। इसी विवाद पर आज बाबा रामदेव ने बताया, 'आयुष मंत्रालय ने कहा है कि पतंजलि ने कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त काम किया है यानी अच्छी पहल की है। पतंजलि ने एक सही दिशा में काम करना शुरू किया है।'बाबा रामदेव ने बताया कि उन्होंने कोरोना पर क्लीनिकल कंट्रोल का ट्रायल किया है। क्लीनिकल ट्रायल के जो भी पैरामीटर्स हैं, उनके तहत हमने रिसर्च की है। अभी तक कोरोना के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। इसके अलावा 10 से ज्यादा बीमारियों पर हम ट्रायल कर रहे हैं और उसमें तीन लेवल पार कर चुके हैं। इसमें हापरटेंशन, अस्थमा, हार्ट, चिकुनगुनिया जैसे रोग शामिल हैं, जिन पर हम ट्रायल कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने विवाद पर अपना गुस्सा भी जाहिर किया। उन्होंने कहा, ''लोग कह रहे हैं कि पतंजली ने पलटी मारी, कोई अनुसंधान नहीं किया और कुछ लोगों ने तो मेरी जाति, धर्म, संन्यास को लेकर और अलग-अलग प्रकार से गंदा वातावरण बनाने की कोशिश की गई। ऐसे लगता है कि हिंदुस्तान के अंदर आयुर्वेद का काम करना गुनाह हो। देशभर में एफआईआर दर्ज करा दी गईं, जैसे किसी देशद्रोही और आतंकवादी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती हैं।'
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