कविता - गुरु महिमा - HUMSAFAR MITRA NEWS

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Saturday, May 30, 2020


गुरु महिमा

कवि - एम एल तिवारी 

'हमसफर मित्र' 



सदगुरु से मिलता सच्चा ज्ञान।
प्रभु से बड़ा गुरु का स्थान।।

भीष्म पितामह ने परसराम से
शिक्षा दीक्षा पाया था।
कौरव के सेना पति बनकर।
अपना पुरुषार्थ दिखाया था।।

तुलसीदास ने नरहरी जी से
पुराणो का शिक्षा पाया था।
रामचरित मानस लिखकर
ज्ञान गंगा बहाया थ।।

एकलव्य ने गुरु की मुर्ति बना।
तीर चलाना सीखा था।
गुरु को अपने दक्षिणा में.
अगूंठा दे कर्तव्य निभाया था।।

गुरु समर्थ ने वीर शिवा को.
छत्रपति शिवा बनाया था।
अदम्य उत्साह से लड़कर।
देश का मान बढाया था।।

वशिष्ठ और विश्वामित्र से
रामजी ने शिक्षा पाया था।
निशचरहीन कर धरती को।
विश्व में ख्याति पाया था।।

गुरु रैदास से मीरा जी ने.
मंत्र राम का पाया था।
तभी तो अपने भजनों में
रामरतन धन गाया था।।

एम एल तिवारी, बिल्हा, बिलासपुर, (छ.ग.) 

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